Motivational Story: सीखने की ललक ही इंसान को बनाती है कामयाब, तरक्की की सीढ़ी पर बढ़ेंगे आगे
Motivational Story कई बार हमें इतनी कामयाबी मिल जाती है कि वो हमारे सर चढ़कर बोलने लगती है। इस एहसास में हम खुद को ही सर्वज्ञाता समझने लगते हैं।
By Shilpa SrivastavaEdited By: Updated: Thu, 23 Jul 2020 02:52 PM (IST)
Motivational Story: कई बार हमें इतनी कामयाबी मिल जाती है कि वो हमारे सर चढ़कर बोलने लगती है। इस एहसास में हम खुद को ही सर्वज्ञाता समझने लगते हैं। लेकिन हमें ये कभी नहीं भूलना चाहिए कि किसी भी व्यक्ति में सीखने का स्कोप हमेशा रहता है। अगर हम खुद को सर्वज्ञाता मानकर कुछ नया सीखेंगे ही नहीं तो नए परिवर्तन और विकास की तरफ कभी नहीं बढ़ पाएंगे। कुछ इसी सीथ से प्रेरित हमारी आज की कहानी है जो आपको यह समझाने में मदद करेगी कि खुद को सर्वज्ञाता समझना कितना गलता है।
एक बार गांव के दो व्यक्तियों ने पैसे कमाने का निर्णय लिया जिसे लिए उन्हें शहर जाना पड़ा। वहां, वो कुछ महीने रहे और छोटो-मोटा काम कर कुछ पैसे जमा कर लिए। इन पैसों से उन दोनों ने अपना-अपना बिजनेस शुरू किया जो चल भी पड़ा। उन्हें बिजनेस में काफी मुनाफा हुआ। अपने व्यवसाय को फलता-फूलता देखकर पहले व्यक्ति ने सोचा कि अब तो मेरा व्यसाय आसामान छऊ रहा है। अब तो मेरी और तरक्की निश्चित है। लेकिन उसे उस वर्ष बहुत ज्यादा घाटा हुआ। अपने अति-आत्मविश्वास में वो आसमान से जमीन पर आ गिरा।
उससे यह घाटा पचा नहीं और वो शुरू हो गया घटा के कारण तलाशने को। इसमें उसने सबसे पहले यह पता लगाया कि उसके साथ जो दूसरा व्यक्ति था उसका बिजनेस कैसा चल रहा है। क्योंकि उसने भी उसके साथ ही व्यापार शुरू किया था। जब उसने पता लगाना शुरू किया तो वह यह जानकर बेहद हैरान हो गया कि उसका व्यापार मुनाफे में है। यह जानकर उसने यह पता लगाने की कोशिश की आखिर उसे घाटा और दूसरे को मुनाफा कैसे हुआ।
अगले दिन वो दूसरे व्यक्ति के पास गया। उस व्यक्ति ने उसका खूब आदर सत्कार किया। उसने उसके यहां आने का कारण पूछा। तो पहला व्यक्ति बोला, दोस्त मेरा बिजनेस बाजार की मार नहीं झेल पाया लेकिन तुम्हें तो लगातार मुनाफा हो रहा है। दोनों का एक ही व्यवसाय होने के बाद ऐसा क्यों। तो दूसरे व्यक्ति ने कहा कि वो तो बस सीखता जा रहा है दूसरों की गलतियों से। जब भी कोई परेशानी सामने आती है तो वो उससे कुछ न कुछ सीख लेता है जिससे वो आगे के लिए सतर्क हो पाए। इससे उसे नुकसान उठाना नहीं पड़ता है। सीखने की इस प्रवृति ने ही मुझे आगे बढ़ाया है।
उसकी बात सुनकर पहले व्यक्ति को अपनी भूल का अहसास हुआ। उसने सोचा कि उसकी सबसे बड़ी गलती थी अति-आत्मविश्वास। उसने इस बात से सीख ली और कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और तरक्की की ओर बढ़ता चला गया।
सीख: कई बार होता है कि जब हम कामयाब होने लगते हैं तो हम में अति-आत्मविश्वास आ जाता है। इससे हमें नुकसान के अलावा और कुछ नहीं होता है। लेकिन अगर हम लगातार सीखते रहें और अपनी ही गलतियों से सीखते रहें तो हम जिंदगी में हमेशा आगे बढ़ते रहेंगे। ऐसे में खुद में हमेशा सीखने की ललक बनाए रखें। इससे जिंदगी में कोई भी उतार-चढ़ाव आपको आगे बढ़ने से नहीं रोक पाएगा।