Muharram 2022: 31 जुलाई से मुहर्रम शुरू, जानें आशूरा की तारीख और महत्व
Muharram 2022 इस्लाम धर्म के उपासकों की मानें तो मुहर्रम की 9 तारीख को रोजा रखने से व्यक्ति के दो सालों के गुनाह माफ हो जाते हैं। वहीं इस महीने में एक रोजा रखने से 30 रोजों के बराबर फल मिलता है।
By Pravin KumarEdited By: Updated: Sat, 30 Jul 2022 04:10 PM (IST)
Muharram 2022: इस्लाम धर्म में मुहर्रम का विशेष महत्व है। आसान शब्दों में कहें तो इस्लाम धर्म के अनुयायियों के लिए मुहर्रम एक प्रमुख त्योहार है। यह इस्लाम वर्ष कैलेंडर का पहला महीना होता है। हजरत मुहम्मद जो अल्लाह के रसूल थे-उन्होंने मुहर्रम को अल्लाह का महीना बताया है। इस माह में भी रोजे रखने की बात इस्लामी धर्मग्रंथों में की गई है। हालांकि, यह रोजे अनिवार्य नहीं है। इसका अर्थ यह हुआ कि कोई व्यक्ति अपनी इच्छा पूर्ति के बाद मुहर्रम के महीने में रोजे रख सकता है।
इस्लाम धर्म के उपासकों की मानें तो मुहर्रम की 9 तारीख को रोजा रखने से व्यक्ति के दो सालों के गुनाह माफ हो जाते हैं। वहीं, इस महीने में एक रोजा रखने से 30 रोजों के बराबर फल मिलता है। इस बारे में अल्लाह के रसूल कहते हैं कि अनिवार्य नमाजों के बाद नमाज तहज्जुद की तरह रमजान रोजे के बाद मुहर्रम के रोजे उत्तम हैं। इस वर्ष मुहर्रम का महीना रविवार 31 जुलाई से शुरू हो रहा है। इस महीने के दसवें दिन आशूरा मनाया जाता है। इस प्रकार 9 अगस्त को आशूरा है। आशूरा का इस्लाम धर्म में विशेष धर्मिक महत्व है। आइए, आशूरा के बारे में सबकुछ जानते हैं-
आशूरा का इतिहास और महत्व
इस्लामिक धर्मग्रंथों की मानें तो इराक की राजधानी से 100 किलोमीटर की दूरी पर करबला में 10 अक्टूबर, 680 को इब्न ज़्याद और हजरत हुसैन के बीच युद्ध हुआ था। यह धर्म युद्ध था। इस युद्ध में हज़रत इमाम हुसैन की जीत हुई, लेकिन धोखे से ज्याद के कमांडर शिम्र ने हजरत मुहम्मद के नाती हजरत हुसैन और उनके परिवार वालों को करबला में शहीद कर दिया था। यह घटना मुहर्रम महीने के दसवें दिन घटी थी। इतिहास के पन्नों में करबला की घटना को अति क्रूर और निंदनीय बताया गया है। इसके लिए दुनियाभर में एक साथ इस्लाम वर्ष कैलेंडर के पहले महीने के दसवें दिन आशूरा मनाया जाता है।