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Muharram Tajiya Photos: मोहर्रम में क्यों बनाई जाती है ताजिया? जानें भारत में ताजिए का इतिहास

Muharram Tajiya Photosमोहर्रम माह के 10वें दिन तजियादारी की जाती है। इराक में हजरत इमाम हुसैन की दरगाह है उसकी ही कॉपी करके एक संरचना बनाई जाती है जिसे ताजिया कहा जाता है।

By Kartikey TiwariEdited By: Updated: Sat, 29 Aug 2020 06:04 AM (IST)
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Muharram Tajiya Photos: मोहर्रम में क्यों बनाई जाती है ताजिया? जानें भारत में ताजिए का इतिहास

Muharram Tajiya Photos: मोहर्रम माह को इस्लामिक कैलेंडर में पवित्र माह में से एक माना है। मोहर्रम इस्लामिक कैलेंडर का पहला माह है। गम के इस महीने में मोहर्रम की जुलूस निकाली जाती है और साथ में ताजिया भी। मोहर्रम माह के 10वें दिन, जिसे आशुरा कहा जाता है, उस दिन हजरत इमाम हुसैन ने कर्बला में अपने 72 साथियों के साथ इंसानियत के लिए शहादत दी थी। उनकी याद में ही ताजिया और जुलूस निकाले जाते हैं। लेकिन आपको बता दें कि ताजिया निकालने की परंपरा सिर्फ शिया मुसलमानों में ही देखी जाती है, जबकि सुन्नी समुदाय के लोग तजियादारी नहीं करते हैं। आज इस अवसर जानते हैं भारत में ताजिया का इतिहास।

1. मोहर्रम माह के 10वें दिन तजियादारी की जाती है। इराक में हजरत इमाम हुसैन की दरगाह है, उसकी ही कॉपी करके एक संरचना बनाई जाती है, जिसे ताजिया कहा जाता है।

2. ताजिया को कपड़े, कागज, और बांस या लकड़ी की मदद से बनाया जाता है।

3. मोहर्रम माह का चांद निकलने के बाद पहले ही दिन से ताजिया रखने शुरू होता है। उसे फिर आशुरा यानी कि मोहर्रम के 10वें दिन कर्बला में दफना दिया जाता है।

4. मोहर्रम के 10वें दिन ताजिया का जुलूस इमामबाड़े से प्रारंभ होता है और कर्बला पर जाकर खत्म हो जाता है।

5. ताजिया जुलूस में आपने लोगों को काले कपड़े पहनकर मातम मनाते देखा होगा। इस दौरान लोग करतब दिखाते हुए स्वयं को लहुलूहान कर लेते हैं। ताजिया जुलूस में लोगों को 'या हुसैन, हम न हुए' कहते हुए सुनते हैं।

6. बताया जाता है कि मोहर्रम में ताजियादारी का आगाज भारत से ही हुआ है। बादशाह तैमूर लंग के शासन काल में सबसे पहले ताजिया बना था।

7. तैमूर लंग हर साल मोहर्रम के लिए इराक जाता था। एक बार वह बीमार हो गया, जिसके कारण वह इराक नहीं जा पाया। तब उसके दरबारियों ने उसे खुश करने के लिए इमाम हुसैन की दरगाह जैसे ढांचे बनवाए, उसका नाम ताजिया रखा गया।

8. उसके बाद से ही देशभर में ताजिया बनाए जाने की परंपरा प्रारंभ हो गई। ताजिया बनाने की परंपरा भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान और म्यांमार में ही है।

9. ताजिया बनाने की परंपरा इराक, ईरान आदि देशों में नहीं है, जहां पर शिया मुस्लिम अधिक संख्या में हैं।