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Nag Panchami 2023: कब है नाग पंचमी पर्व? जानिए तिथि शुभ मुहूर्त और पूजा महत्व

Nag Panchami 2023 प्रत्येक वर्ष सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन नाग पंचमी पर्व मनाया जाता है। इस विशेष दिन पर नाग देवता की उपासना का विशेष महत्व है। मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन नाग देवता की उपासना करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। आइए जानते हैं कब मनाया जाएगा नाग पंचमी पर्व शुभ मुहूर्त और महत्व।

By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraUpdated: Thu, 06 Jul 2023 04:20 PM (IST)
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Nag Panchami 2023: नाग पंचमी पर जरूर करें ये उपाय।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क । Nag Panchami 2023: वैदिक पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष श्रावण मास के कृष्ण एवं शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन नाग पंचमी पर्व मनाया जाता है। बता दें कि कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि 07 जुलाई के दिन है और शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 21 अगस्त के दिन मनाया जाएगा। इस विशेष दिन पर नाग देवता की उपासना का विशेष महत्व है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में काल सर्प दोष है तो उन्हें इस दिन कुछ विशेष उपायों से लाभ मिल सकता है। बता दें कि बिहार, झारखंड, बंगाल, उड़ीसा और राजस्थान में कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि के दिन नाग पंचमी मनाई जाती है।

कृष्ण पक्ष नाग पंचमी 2023 शुभ मुहूर्त

श्रावण मास के कृष्ण पक्ष पंचमी तिथि आरम्भ: 07 जुलाई, सुबह 03 बजकर 12 मिनट से

श्रावण मास के कृष्ण पक्ष पंचमी तिथि अंत: 08 जुलाई, रात्रि 12 बजकर 17 मिनट तक

कृष्ण पक्ष नाग पंचमी 2023: 07 जुलाई 2023, शुक्रवार

आयुष्मान योग: रात 08 बजकर 30 मिनट तक

शुक्ल पक्ष नाग पंचमी 2023 शुभ मुहूर्त

श्रावण मास के शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि आरम्भ: 21 अगस्त, रात्रि 12 बजकर 21 मिनट से

श्रावण मास के शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि अंत: 22 अगस्त रात्रि 02 बजे तक

शुक्ल पक्ष नाग पंचमी: 21 अगस्त 2023, सोमवार

नाग पञ्चमी पूजा मूहूर्त: सुबह 05 बजकर 53 मिनट से सुबह 08 बजकर 30 मिनट तक

नाग पंचमी पर करें ये उपाय

  • नाग पंचमी के दिन भगवान शिव की उपासना का विशेष महत्व है। इसलिए इस दिन भगवान शिव को लकड़ी से बनी 7 मौली अर्पित करें। साथ ही उन्हें अर्क, पुष्प, धतूरा, फल और दूध अर्पित करें। मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

  • आर्थिक तंगी से मुक्ति के लिए नाग पंचमी के दिन घर के मुख्य द्वार पर सर्प की आकृति बनाएं और इसकी विधिवत पूजा करें। मान्यता है कि ऐसा करने से आर्थिक क्षेत्र में लाभ मिलता है।

  • जिस जातक की कुंडली में राहु और केतु का अशुभ प्रभाव पड़ रहा है, उन्हें नाग पंचमी के दिन नाग देवता की उपासना अवश्य करनी चाहिए। ऐसा करने से राहु-केतु दोष यानि काल सर्प दोष से मुक्ति प्राप्त हो जाती है।

  • नाग पंचमी के दिन राहु मंत्र "ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः" और केतु मंत्र "ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रों सः केतवे नमः" का पाठ करें। मान्यता है कि इन मंत्रों का जाप करने से विभिन्न प्रकार की समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है।

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।