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Nag Panchami 2024: नाग पंचमी के इस विधि से करें पूजा, नोट करें भोग से लेकर संपूर्ण जानकारी

सनातन धर्म में नाग पंचमी का दिन बहुत शुभ माना गया है। इस दिन नाग देवता की पूजा का विधान है। हिंदू पंचांग के अनुसार नाग पंचमी शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। इस साल यह 9 अगस्त यानी आज मनाई जा रही है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन नाग देव की पूजा करने से जीवन की सभी मुश्किलों का अंत होता है।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Fri, 09 Aug 2024 11:00 AM (IST)
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Nag Panchami 2024: नाग देव की पूजा विधि -

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। नाग पंचमी का दिन बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। यह दिन नाग देव की पूजा के लिए समर्पित है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल श्रावण माह के शुक्ल पक्ष के पांचवें दिन यह पर्व मनाया जाता है। इस साल यह 09 अगस्त यानी आज मनाया जा रहा है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन विधि अनुसार पूजा-पाठ करने से सुरक्षा और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है, तो चलिए इस व्रत (Nag Panchami 2024) से जुड़ी कुछ प्रमुख बातों को जानते हैं।

भोग - नाग देव को खीर-पूड़ी का भोग लगाए।

शुभ योग

हिंदू पंचांग के अनुसार, नाग पंचमी पर सिद्धि योग दोपहर 01 बजकर 46 मिनट तक रहेगा। इस मौके पर बव और बालव करण योग का निर्माण भी हो रहा है। इसके साथ ही इस शुभ अवसर पर शिववास योग का संयोग बन रहा है। इस दौरान पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होगी। साथ ही दोगुना फल मिलता है।

नाग देव मंत्र

  • ॐ सर्पाय नमः
  • सर्वे नागाः प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले।
  • ॐ भुजंगेशाय विद्महे, सर्पराजाय धीमहि, तन्नो नाग: प्रचोदयात्।।

नाग देव की पूजा विधि

नाग पंचमी के दिन सुबह उठकर स्नान करें। स्वच्छ वस्त्र धारण करें और अपने मुख्य द्वार के दोनों तरफ गोबर के नाग बनाएं। इसके साथ ही पूजा घर को साफ करें। फिर एक वेदी पर नाग देव की प्रतिमा स्थापित करें। उन्हें दही, दूध, दूर्वा, पुष्प, कुश, गंध, अक्षत आदि चीजें अर्पित करें।

फल, मिठाई आदि चीजों का भोग लगाएं। वैदिक मंत्रों का जाप करें। नागपंचमी कथा का पाठ करें। अंत में नाग देवता की आरती करें। पूजा में हुई गलती के लिए क्षमा-प्रार्थना करें। तामसिक चीजों से परहेज करें।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।