Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Narak Chaturdashi 2023: नरक चतुर्दशी पर इसलिए जरूरी माना जाता है अभ्यंग स्नान, जानिए विधि और शुभ मुहूर्त

Choti Diwali 2023 नरक चतुर्दशी के दिन ही छोटी दिवाली और रूप चतुर्दशी भी मनाई जाएगी। नरक चतुर्दशी पर अभ्यंग स्नान का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इससे व्यक्ति पर यमराज जी की कृपा बनी रहती है। अभ्यंग स्नान हमेशा चंद्रोदय के दौरान लेकिन सूर्योदय से पहले किया जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं अभ्यंग स्नान का शुभ मुहूर्त और विधि।

By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Sat, 11 Nov 2023 10:06 AM (IST)
Hero Image
Narak Chaturdashi 2023 जानिए अभ्यंग स्नान का शुभ मुहूर्त और विधि।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Abhyanga Snan 2023 Date: प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को नरक चतुर्दशी मनाई जाती है। पंचांग के अनुसार जब चतुर्दशी तिथि सूर्योदय से पहले प्रबल होती है और अमावस्या तिथि सूर्यास्त के बाद प्रबल होती है तो नरक चतुर्दशी और लक्ष्मी पूजा एक ही दिन की जाती है। इस साल नरक चतुर्दशी आज यानी 11 नवंबर, शनिवार के दिन मनाई जाएगी।

अभ्यंग स्नान का महत्व (Abhyang Snan Significance)

नरक चतुर्दशी का दिन मृत्यु के देवता यमराज को समर्पित माना गया है। इस दिन पर अभ्यंग स्नान को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो लोग इस विशेष दिन पर अभ्यंग स्नान करते हैं, वे नरक जाने से बच सकते हैं। अभ्यंग स्नान न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्व रखता है बल्कि इससे कई शारीरिक लाभ भी मिलते हैं।

अभ्यंग स्नान शुभ मुहूर्त (Abhyang Snan shubh muhurat)

कार्तिक माह की चतुर्दशी तिथि 11 नवम्बर शाम 01 बजकर 57 मिनट पर शुरु हो रही है। साथ ही इसका समापन 12 नवम्बर दोपहर 02 बजकर 44 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार अभ्यंग स्नान का शुभ मुहूर्त 12 नंवबर के दिन सुबह 05 बजकर 28 मिनट से 06 बजकर 41 मिनट तक रहेगा। साथ ही इस दिन चन्द्रोदय सुबह 05 बजकर 28 मिनट पर होगा।

यह भी पढ़ें  - Kali Puja 2023: आज छोटी दिवाली पर इस विधि से करें मां काली की पूजा, सभी प्रकार के भय और कष्ट होंगे दूर

अभ्यंग स्नान की विधि (Abhyanga Snan vidhi)

नरक चतुर्दशी के दिन सूर्यादय से पहले उठकर शरीर की तिल के तेल से मालिश करें। इसके बाद कुछ समय के लिए ध्यान अवस्था में बैठ जाएं। इसके बाद शरीर पर उबटन लगाएं। यह उबटन हल्दी, चंदन का पाउडर, तिल का पाउडर, दही मिलाकर बनाया जाता है। उबटन को अच्छी तरह शरीर पर मलने के बाद आप हल्के गुनगुने पानी से स्नान करें।

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'