Narak Chaturdashi 2024: नरक चतुर्दशी पर दुर्लभ भद्रावास योग का हो रहा है निर्माण, बन जाएंगे सारे बिगड़े काम
सनातन धर्म में कार्तिक महीने का विशेष महत्व है। इस महीने में कई प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं। इनमें धनतेरस और दीवाली समेत छठ पूजा मनाई जाती है। दीवाली से एक दिन पूर्व नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi 2024) मनाई जाती है। इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा-भक्ति की जाती है। भगवान कृष्ण की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Tue, 29 Oct 2024 10:24 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, 30 अक्टूबर को नरक चतुर्दशी है। यह पर्व हर वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर बांके बिहार कृष्ण कन्हैया लाल की पूजा की जा रही है। साथ ही छोटी दीवाली मनाई जा रही है। यह पर्व दीपोत्सव के दूसरे दिन मनाया जाता है। इसके अगले दिन दीवाली मनाई जाती है। नरक चतुर्दशी तिथि पर भगवान कृष्ण की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। ज्योतिषियों की मानें तो नरक चतुर्दशी पर दुर्लभ भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में कृष्ण जी की पूजा करने से हर कार्य में सफलता मिलती है। आइए, योग के बारे में जानते हैं-
नरक चतुर्दशी शुभ मुहूर्त (Narak Chaturdashi Shubh Muhurat)
कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि आज दोपहर 01 बजकर 15 मिनट पर शुरू होगी। इस तिथि का समापन 31 अक्टूबर को दोपहर 03 बजकर 52 मिनट पर समाप्त होगा। इस दिन अमृत काल दोपहर 02 बजकर 56 मिनट से लेकर शाम 04 बजकर 45 मिनट तक है। 31 अक्टूबर को दीवाली है।भद्रावास योग
ज्योतिषीय गणना के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण दोपहर 01 बजकर 15 मिनट से हो रहा है। वहीं, इस योग का समापन 31 अक्टूबर को देर रात 02 बजकर 35 मिनट पर होगा। इस योग में भगवान कृष्ण की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। इस समय तक भद्रा पाताल लोक में रहेंगी। भद्रा के पाताल लोक में रहने के दौरान पृथ्वी पर उपस्थित सभी जीवों का कल्याण होता है।
सर्वार्थ सिद्धि योग
नरक चतुर्दशी तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण प्रातः काल 06 बजकर 32 मिनट से रात 09:43 मिनट तक है। इस योग में भगवान कृष्ण की पूजा करने से साधक को सभी शुभ कार्यों में सिद्धि प्राप्त होगी। इस समय में छोटी दीवाली भी मना सकते हैं।