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Narak Chaturdashi 2024: कैसा होना चाहिए यम का दीपक? जानें इसकी सही दिशा और जलाने का समय

नरक चतुर्दशी के दिन को हिंदुओं में बेहद खास माना जाता है। इस दिन को छोटी दिवाली के रूप में भी मनाया जाता है। यह दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस दिन लोग प्रदोष काल के दौरान चार मुखी दीया (Narak Chaturdashi Yam Deepak) जलाते हैं जो यम देव को समर्पित होता है। इस साल नरक चतुर्दशी 30 अक्टूबर को मनाई जाती है।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Thu, 24 Oct 2024 10:59 AM (IST)
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Narak Chaturdashi 2024:ऐसा होना चाहिए यम का दीपक।
 धर्म डेस्क, नई दिल्ली। नरक चतुर्दशी का दिन बेहद विशेष माना जाता है। इसे यम चतुर्दशी व छोटी दीवाली के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन लोग भगवान कुबेर, देवी लक्ष्मी, भगवान धन्वंतरि और यम देव, जिन्हें मृत्यु का देवता माना जाता है उनकी पूजा करते हैं। हिंदू धर्म में इस दिन का अपना धार्मिक महत्व है। वहीं, यह महत्वपूर्ण अवधि में यम का दीपक जलाने का भी विधान है, जो नरक चतुर्दशी की शाम को किया जाता है, तो आइए इसकी विधि और यह कैसा होना चाहिए? उसके बारे में जानते हैं।

ऐसा होना चाहिए यम का दीपक (Yam Deepak Jalane Ki Vidhi)

छोटी दीवाली (Dhanteras Deepdaan Vidhi) के दिन शाम के समय प्रदोष काल में गेहूं के आटे से एक दीपक बनाएं, फिर चार बत्ती तैयार करें और उसे दीपक में रखें और उसमें सरसों का तेल डालें। इसके बाद दीपक के चारों ओर गंगाजल छिड़कें। इसके पश्चात घर के मुख्य द्वार पर दक्षिण दिशा में उसे रख दें। दीपक के नीचे कोई अनाज जरूर रखें।

कुक्ष लोग यम का दीपक नाली के पास या अन्य किसी स्थानों पर रखते हैं। दीपक जलाने के बाद पूरे समर्पण, विश्वास और भाव के साथ भगवान से प्रार्थना करें और अपने परिवार की खुशहाली के लिए आशीर्वाद मांगें।

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यम दीपक का धार्मिक महत्व (Yam Deepak Importance)

यम का दीपक हिंदुओं के बीच बड़ा धार्मिक महत्व (Yam Deepak Significance) रखता है। यह दिन पूरे देश में बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। भगवान यम इस शुभ दिन पर पूजे जाने वाले देवताओं में से एक हैं। इस दिन प्रदोष काल के दौरान लोग चार मुखी दीया जलाते हैं और वह दक्षिण दिशा की ओर रखते हैं, जो यम देव को समर्पित होता है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग यह चार मुखी दीया जलाते हैं, उन्हें मृत्यु के भय से राहत मिलती है,

क्योंकि भगवान यम उनकी रक्षा करते हैं और उन्हें लंबे जीवन और कल्याण का आशीर्वाद देते हैं। इसके अलावा इससे अकाल मृत्यु से भी बचा जा सकता है। बता दें, छोटी दीवाली एकमात्र दिन है, जब लोग मृत्यु के देवता, भगवान यम की पूजा करते हैं।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।