Narak Chaturdashi 2024: नरक चतुर्दशी पर आखिर क्यों जलाते हैं यम का दीया? जानें इसकी तिथि और समय
नरक चतुर्दशी का हिंदुओं में बहुत महत्व है। इस दिन को छोटी दिवाली के रूप में मनाया जाता है। यह दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। कुछ क्षेत्रों में इस दिन को काली चौदस के रूप में भी मनाया जाता है। इस माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi Date and time) मनाई जाती है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। नरक चतुर्दशी का दिन बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे यम चतुर्दशी व छोटी दिवाली के नाम से भी जाना जाता है। यह लक्ष्मी पूजन से पहले आता है, जो बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। इस तिथि पर यम दीपक जलाने का विधान है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह वही दिन (Narak Chaturdashi 2024) है जब भगवान कृष्ण ने 16,000 गोपियों को बचाया था और राक्षस नरकासुर पर विजय प्राप्त की थी, तो आइए जानते हैं कि इस साल नरक चतुर्दशी कब मनाई जाएगी और इस मौके पर यम देव के नाम का दीया क्यों जलाया जाता है?
नरक चतुर्दशी तिथि का शुभ मुहूर्त (Narak Chaturdashi Shubh Muhurat)
हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि (Narak Chaturdashi Date and time) 30 अक्टूबर को दोपहर 01 बजकर 15 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन 31 अक्टूबर को दोपहर 03 बजकर 52 मिनट पर होगा। ऐसे में पंचांग के आधार पर 30 अक्टूबर को नरक चतुर्दशी मनाई जाएगी। साथ ही नरक चतुर्दशी की शाम को दीपदान किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस मौके पर दीपदान करना बहुत उत्तम माना जाता है।क्यों जलाया जाता है यम का दीपक? (Narak Chaturdashi Yam Ka Deepak)
छोटी दिवाली (Chhoti Diwali 2024) के दिन यम देव के नाम का दीपक जलाने का विधान है। इस दीपक का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नरक चतुर्दशी के दिन यम का दीपक जलाने से परिवार में अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है। इसके साथ ही उस व्यक्ति के लिए नरक के द्वार बंद हो जाते हैं।
इसके साथ ही अच्छे स्वास्थ्य का वरदान प्राप्त होता है और यम देव का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। ऐसे में इस मौके पर यम का दीपक अवश्य जलाएं क्योंकि इसे शास्त्र में भी अनिवार्य माना गया है।
कान्हा जी मंत्र (Shri Krishna Mantra)
1. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः2. हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरेहरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे
3.कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणत क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नम:यह भी पढ़ें: Diwali 2024: क्या है दिवाली पर दीपक जलाने का सही नियम? जिससे दूर होगी घर की नकारात्मकता और वास्तु दोष
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।