Naraka Chaturdashi 2023: नरक चतुर्दशी पर जलाएं यमराज के लिए खास दीया, जानें पूजा विधि और इसका महत्व
Naraka Chaturdashi 2023 नरक चतुर्दशी के दिन मृत्यु के देवता यमराज की पूजा करने की बेहद पुरानी परंपरा है। धार्मिक कथाओं और मान्यताओं के अनुसार माना जाता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध किया था इसलिए इसे नरक चतुर्दशी कहा जाता है। नरक चतुर्दशी के दिन यमदेव के लिए दीया जलाना एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान माना गया है।
By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi DwivediUpdated: Sat, 11 Nov 2023 12:49 PM (IST)
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Naraka Chaturdashi 2023: सनातन धर्म में नरक चतुर्दशी का बेहद ही खास महत्व है। यह पर्व हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। यानी दिवाली के ठीक एक दिन पहले। इस दिन को लोग छोटी दिवाली, रूप चौदस, नरक चौदस और रूप चतुर्दशी के नाम से भी जानते हैं। यह विशेष दिन मृत्यु के देवता यमराज की पूजा के लिए समर्पित है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन शाम के समय यम देव के लिए दीपक जलाने का विधान है। ऐसा करने से अकाल मृत्यु से मुक्ति और स्वास्थ्य सुरक्षा का वरदान मिलता है।नरक चतुर्दशी महत्व
नरक चतुर्दशी के दिन मृत्यु के देवता यमराज की पूजा करने की परंपरा है। धार्मिक कथाओं और मान्यताओं के अनुसार, माना जाता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध किया था, इसलिए इसे नरक चतुर्दशी कहा जाता है। नरक चतुर्दशी के दिन यमदेव के लिए दीया जलाना एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान माना गया है।
ऐसा कहा जाता है कि इस दिन अपना घर भूलकर भी खाली नहीं छोड़ना चाहिए और घर की दक्षिण दिशा में सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति को यमपाश से मुक्ति का सुख प्राप्त होता है। साथ ही आपके घर पर कभी यम देव की बुरी दृष्टि नहीं पड़ती है।
नरक चतुर्दशी पूजा विधि
- सुबह उठकर पवित्र स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
- इस शुभ दिन पर यमराज, श्री कृष्ण, काली माता, हनुमान जी की विशेष पूजा की जाती है।
- घर के ईशान कोण अगर पूजा की जाए, तो वो बेहद शुभ माना गया है।
- अपने आराध्य के समक्ष धूप दीप जलाएं, कुमकुम का तिलक लगाएं और उनके मंत्रों का जाप करें।
- भोग अर्पित करें।
- अंत में आरती से पूजा का समापन करें।