Narmada Jayanti 2024 Katha: आज मनाई जाएगी नर्मदा जयंती, इस अवसर पर पढ़िए पौराणिक जन्म कथा
प्रति वर्ष माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को माता नर्मदा मनाई जाती है। इस पावन अवसर पर भक्तजन नर्मदा नदी की पूजा करते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इस तिथि पर सूर्योदय के समय नर्मदा नदी (Narmada Jayanti 2024) में स्नान करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिल सकती है। मध्य प्रदेश के अमरकंटक से नर्मदा नदी का उद्गम होता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Maa Narmada Jayanti 2024: भारतीय संस्कृति में कई नदियों को पवित्र और पूजनीय माना गया है। इसी के चलते कई नदियों को माता कहकर संबोधित किया जाता है। सात पवित्र नदियों में से एक नर्मदा नदी भी है। नर्मदा नदी के अवतरण की कई कथाएं मौजूद हैं। ऐसे में नर्मदा जयंती के अवसर पर जानते हैं नर्मदा जी के अवतरण की कथा।
नर्मदा जयंती शुभ मुहूर्त (Narmada Jayanti Muhurat)
माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 15 फरवरी को सुबह 10 बजकर 12 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन 16 फरवरी को सुबह 08 बजकर 54 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, नर्मदा जयंती 16 फरवरी को मनाई जाएगी।
नर्मदा जंयती कथा (Narmada Jayanti katha)
स्कंद पुराण में नर्मदा नदी के धरती पर अवतरण की कथा मिलती है। कथा के अनुसार, राजा हिरण्यतेजा ने अपने पूर्वजों, पितरों का उद्धार करने के उद्देश्य से चौदह हजार वर्षों तक घोर तपस्या कर शिव भगवान को प्रसन्न किया। तब उन्होंने महादेव से नर्मदा जी को पृथ्वी पर लाने का वरदान मांगा। शिव जी के आदेश से नर्मदा जी मगरमच्छ पर विराजमान होकर उदयाचल पर्वत पर उतरीं और पश्चिम दिशा की ओर बहने लगीं।ये कथाएं भी हैं प्रचलित
एक और अन्य कथा के अनुसार, जब एक बार भगवान शिव तपस्या में लेने थे, तो उनके पसीने से एक कन्या प्रकट हुई। इस कन्या का अलौकिक सौंदर्य था। तब भगवान शिव और माता पार्वती ने उनका नामकरण करते हुए कहा कि तुमने हमारे हृदय को हर्षित कर दिया है इसलिए आज से तुम्हारा नाम नर्मदा होगा। नर्मदा का शाब्दिक अर्थ है सुख देने वाली।वहीं, एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार, देवताओं और राक्षसों के बीच कई युद्ध हुए, जिस कारण देवता भी पाप के भागीदार बन गए। इस समस्या को लेकर सभी देवता भगवान शिव की शरण में पहुंचे और उनसे इसका समाधान का उपाय पूछने लगे। इस पर भगवान शिव ने देवताओं के पाप धोने के लिए मां नर्मदा को उत्पन्न किया था।
डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'