Shardiya Navratri 2024: नवमी तिथि पर दुर्लभ शिववास योग का हो रहा है निर्माण, प्राप्त होगा दोगुना फल
ज्योतिषियों की मानें तो 11 अक्टूबर (Navami 2024 Shiv Vaas Yog) को शारदीय नवरात्र की अष्टमी एवं नवमी है। इसके अगले दिन दशहरा मनाया जाएगा। नवरात्र की अष्टमी तिथि पर मां महागौरी की पूजा एवं उपासना की जाती है। जगत की देवी मां महागौरी की उपासना करने से साधक के सभी दुखों का नाश होता है। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Tue, 08 Oct 2024 09:13 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। साधक मनोवांछित फल की प्राप्ति और शुभ कार्यों में सिद्धि पाने के लिए नवमी तिथि पर व्रत रखते हैं। कई साधक नवमी तिथि पर पूजन एवं हवन के बाद व्रत खोलते हैं। मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से साधक को पृथ्वी लोक पर स्वर्ग समान सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी प्रकार के शारीरिक एवं मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। ज्योतिषियों की मानें तो नवरात्र की नवमी तिथि पर शिववास योग समेत कई शुभकारी संयोग बन रहे हैं। इन योग में मां सिद्धिदात्री (Navami 2024 Shivvas Yog) की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। आइए, शुभ योग और मुहूर्त जानते हैं-
शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 11 अक्टूबर को भारतीय समयानुसार दोपहर 12 बजकर 07 मिनट पर शुरू होगी और 12 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 58 मिनट पर समाप्त होगी। इस दिन ही अष्टमी का व्रत भी रखा जाएगा। वहीं, दोपहर में मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाएगी। साधक अपनी सुविधा अनुसार समय पर मां सिद्धिदात्री की पूजा कर सकते हैं।शिववास योग
शारदीय नवरात्र की नवमी तिथि पर दुर्लभ शिववास योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का संयोग दोपहर 12 बजकर 07 मिनट से हो रहा है। शिववास योग के दौरान देवों के देव महादेव कैलाश पर जगत की देवी मां पार्वती के साथ रहेंगे। शिववास योग के समय में भगवान शिव एवं मां पार्वती की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है। इस दौरान शिव-शक्ति की पूजा करने से साधक के सकल मनोरथ सिद्ध होंगे।