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Navpatrika Puja 2024: नवरात्र में इस दिन की जाएगी नवपत्रिका पूजा, जरूर जान लें इस दिन का महत्व

यहां नवपत्रिका का अर्थ है नौ पत्तियां। इस पूजा में नौ पत्तियों को एक साथ बांधकर उनकी पूजा करने का विशेष महत्व माना गया है। ऐसा माना जाता है कि इस पूजा से साधक को माता दुर्गा का आशीर्वाद मिलता है जिससे उसकी फसल की पैदावार अच्छी होती है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि इस शारदीय नवरात्र नवपत्रिका पूजा कब की जाएगी।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Fri, 04 Oct 2024 12:50 PM (IST)
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Navpatrika Puja 2024: नवरात्र में कब है नवपत्रिका पूजा
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। नवरात्र के दौरान नवपत्रिका पूजा (Navpatrika Puja 2024 Date) भी की जाती है, जिसका विशेष महत्व है। यह पर्व मुख्य रूप से नवरात्र की सप्तमी तिथि पर मनाया जाता है, इसलिए इसे महा सप्तमी भी कहा जाता है। बंगाल, झारखंड, ओडिशा, त्रिपुरा, मणिपुर और असम जैसे राज्यों में यह पूजा ज्यादा प्रचलित है।

नवपत्रिका पूजा का शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, नवरात्र की सप्तमी तिथि का आरंभ 09 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 14 मिनट पर हो रहा है। वहीं इस तिथि का समापन 10 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 31 मिनट पर होगा। ऐसे में नवपत्रिका पूजा गुरुवार, 10 अक्टूबर को की जाएगी। इस दिन शुभ मुहूर्त कुछ इस प्रकार रहने वाला है-

नवपत्रिका के दिन ब्रह्म मुहूर्त - प्रातः 05 बजकर 55 मिनट पर

नवपत्रिका के दिन सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 19 मिनट पर

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किस तरह की जाती है पूजा

नवपत्रिका पूजा के दौरान भगवान गणेश और माता दुर्गा के साथ-साथ नौ पत्तों की आराधना करने का भी विधान है। साथ ही पूजा के दौरान नौ पत्तियों को एक साथ बांधकर उसकी पूजा की जाती है। जिसमें केला, कच्ची, हल्दी, अनार, अशोक, मनका, धान, बिल्व और जौ के पौधों की पत्तियां शामिल होती हैं। इन्हें मां दुर्गा के नौ स्वरूपों का प्रतीक माना जाता है।

पूजा के दौरान सबसे पहले इस नौ पत्तियों को साध में बांधकर किसी पवित्र नदी में स्नान करवाया जाता है, जिसे महास्‍नान कहा जाता है। इसके बाद घर के मंदिर में एक चौकी बिछाकर उसपर मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित की जाती है। इस दौरान मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करने के बाद विधि-विधान से माता की पूजा-अर्चना करने का विधान है।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।