Shardiya Navratri 2024: शारदीय नवरात्र के पांचवें दिन 'आयुष्मान' योग समेत बन रहे हैं कई अद्भुत संयोग
धार्मिक मत है कि जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा के पांचवें स्वरूप स्कंदमाता की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुखों का अंत होता है। साधक नवरात्र के पांचवें दिन (Navratri 2024 Day 5) भक्ति भाव से जगत जननी आदिशक्ति मां स्कंदमाता की पूजा करते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। देशभर में शारदीय नवरात्र का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। इस दौरान भक्ति भाव से जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा और उनके शक्ति स्वरूपों की पूजा की जाती है। इसी क्रम में नवरात्र के पांचवें दिन स्कंदमाता की पूजा की जाती है। साथ ही मां स्कंदमाता के निमित्त पांचवें दिन का व्रत रखा जाता है। धार्मिक मत है कि स्कंदमाता की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। ज्योतिषियों की मानें तो नवरात्र के पांचवें दिन आयुष्मान योग समेत कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इन योग में स्कंदमाता (Navratri 2024 Day 5 Ayushman Yog) की पूजा करने से साधक को अमोघ फल की प्राप्ति होगी। आइए, शुभ योग और मुहूर्त जानते हैं-
शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, शारदीय नवरात्र की पंचमी तिथि 07 अक्टूबर को सुबह 09 बजकर 48 मिनट से शुरू हो रही है। इस तिथि का समापन 08 अक्टूबर को सुबह 11 बजकर 48 मिनट पर होगा। इस दौरान स्कंदमाता की भक्ति भाव से पूजा की जाएगी। साधक अपनी सुविधा के अनुसार स्कंदमाता की पूजा कर सकते हैं।
योग (Navratri 2024 Yog)
शारदीय नवरात्र के पांचवें दिन कई मंगलकारी शुभ योग बन रहे हैं। इनमें सबसे पहले प्रीति योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का समापन प्रातः काल 06 बजकर 40 मिनट पर होगा। इसके बाद दुर्लभ आयुष्मान योग का निर्माण हो रहा है। आयुष्मान योग का संयोग रात्रि भर है। इस योग का समापन 08 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 51 मिनट पर होगा। इसके साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है। इन योग में मां पार्वती की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी।
करण
शारदीय नवरात्र की पंचमी तिथि पर बव और बालव करण का निर्माण हो रहा है। ज्योतिष बव और बालव करण को शुभ मानते हैं। इन योग में शुभ कार्यों का श्रीगणेश कर सकते हैं। इस शुभ दिन पर अनुराधा नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इन योग में मां की साधना करने से उपासक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
पंचांग
सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 17 मिनट पर
सूर्यास्त - शाम 06 बजे...
चन्द्रोदय- सुबह 10 बजकर 13 मिनट पर
चन्द्रास्त - शाम 08 बजकर 33 मिनट पर
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 39 मिनट से 05 बजकर 28 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 06 मिनट से 02 बजकर 52 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजे से 06 बजकर 24 बजे तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 44 मिनट से 12 बजकर 33 मिनट तक
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