Shardiya Navratri 2024: शारदीय नवरात्र के छठे दिन दुर्लभ 'सौभाग्य' योग समेत बन रहे हैं ये 5 मंगलकारी संयोग
धार्मिक मत है कि मां कात्यायनी की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साधक शारदीय नवरात्र के छठे दिन (Navratri 2024 Day 6) भक्ति भाव से जगत की देवी मां कात्यायनी की पूजा एवं उपासना करते हैं। साथ ही मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए व्रत रखते हैं।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 07 Oct 2024 06:00 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। शारदीय नवरात्र का त्योहार देशभर में उत्साह और उमंग के साथ मनाया जा रहा है। इस दौरान भक्ति भाव से जग की देवी मां दुर्गा और उनके शक्ति स्वरूपों की पूजा की जाती है। इसी क्रम में नवरात्र के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। साथ ही मां कात्यायनी के निमित्त छठे दिन का व्रत रखा जाता है। धार्मिक मत है कि मां कात्यायनी की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। ज्योतिषियों की मानें तो नवरात्र के छठे दिन सौभाग्य योग समेत कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इन योग में मां कात्यायनी (Navratri 2024 Day 6 Saubhagya Yog) की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी। आइए, शुभ योग और मुहूर्त जानते हैं-
शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, शारदीय नवरात्र की षष्ठी तिथि 08 अक्टूबर को सुबह 11 बजकर 48 मिनट से शुरू हो रहा है। वहीं, इस तिथि का समापन 09 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 14 मिनट पर होगा। साधक 08 अक्टूबर को अपनी सुविधा के अनुसार मां कात्यायनी की पूजा कर सकते हैं।सौभाग्य योग
शारदीय नवरात्र की षष्ठी तिथि पर दुर्लभ सौभाग्य योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का संयोग सुबह 06 बजकर 52 मिनट से हो रहा है, जो पूर्ण रात्रि तक है। ज्योतिष सौभाग्य योग को शुभ मानते हैं। इस दौरान मां कात्यायनी की पूजा एवं साधना कर सकते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो सौभाग्य योग में मां कात्यायनी की पूजा करने से साधक को अमोघ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी बिगड़े काम संवर जाते हैं।
शिववास योग (Navratri 2024 Shiv Vas Yog)
शारदीय नवरात्र के छठे दिन कई मंगलकारी शुभ योग बन रहे हैं। इस शुभ तिथि पर शिववास योग का भी निर्माण हो रहा है। शिववास योग दिन भर है। भगवान शिव सुबह की बेला में कैलाश पर विराजमान रहेंगे। वहीं, 11 बजकर 18 मिनट से भगवान शिव नंदी पर सवार रहेंगे। इस समय से षष्ठी तिथि शुरू होगी। इस दौरान भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होगी।करण
शारदीय नवरात्र की षष्ठी तिथि पर कौलव और तैतिल करण का निर्माण हो रहा है। ज्योतिष कौलव और तैतिल करण को शुभ मानते हैं। इन योग में शुभ कार्यों का श्रीगणेश कर सकते हैं। इस शुभ दिन पर ज्येष्ठा नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इन योग में मां की साधना करने से उपासक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।पंचांग
सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 18 मिनट परसूर्यास्त - शाम 05 बजकर 59 मिनट पर चन्द्रोदय- सुबह 11 बजकर 12 मिनट पर चन्द्रास्त - शाम 09 बजकर 20 मिनट परब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 39 मिनट से 05 बजकर 29 मिनट तकविजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 05 मिनट से 02 बजकर 52 मिनट तकगोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 59 से 06 बजकर 23 मिनट तकनिशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 44 मिनट से 12 बजकर 33 मिनट तकयह भी पढ़ें: Shardiya Navratri 2024: नवदुर्गा के किस स्वरूप की पूजा से मिलता है क्या लाभ, जरूर जानें डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।