Navratri And Durga Puja: एक दूसरे से कितना अलग है दुर्गा पूजा और नवरात्र का पर्व? जानें इससे जुड़ी प्रमुख बातें
नवरात्र और दुर्गा पूजा का पर्व हर साल एक ही समय में मनाया जाता है। हालांकि इनके (Navratri And Durga Puja) पूजन नियम एक दूसरे से काफी अलग हैं जिसके अंतर को समझना बेहद जरूरी है क्योंकि इन दो पर्वों को लेकर लोग काफी कन्फ्यूज रहते हैं तो आइए इन महापर्वों के बारे में कुछ प्रमुख बातों को जानते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। नवरात्र और दुर्गा पूजा भारत में मनाए जाने वाले दो सबसे महत्वपूर्ण पर्व हैं, जिसमें देवी दुर्गा की पूजा होती है। ये त्योहार प्रतिवर्ष एक ही समय में मनाए जाते हैं। हालांकि इनकी (Navratri And Durga Puja) सांस्कृतिक प्रथाएं और अनुष्ठानों में काफी भिन्नता है, जिसके अंतर को समझना बहुत जरूरी है, क्योंकि इन दो पर्वों को लेकर लोग काफी कन्फ्यूज रहते हैं, तो आइए इन महापर्वों के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें जानते हैं।
दुर्गा पूजा (Durga Puja)
दुर्गा पूजा का पर्व मुख्य रूप से देवी दुर्गा की महिषासुर पर विजय का प्रतीक है। इस दौरान मां दुर्गा के एक मातृ स्वरूप की पूजा होती है, जो देवी की बहादुरी और शक्ति का प्रतिनिधित्व भी करती हैं। आमतौर पर यह पर्व पश्चिम बंगाल, ओडिशा और त्रिपुरा में मनाया जाता है और यह 5 दिनों तक चलता है। इसके बाद विजयादशमी के दिन इस त्योहार का समापन हो जाता है।
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नवरात्र (Navratri)
नवरात्र के दौरान भक्त देवी दुर्गा के 9 रूपों की पूजा करते हैं, जिनमें मां शैलपुत्री, देवी ब्रह्मचारिणी, माता चंद्रघंटा, मां कुष्मांडा, मां स्कंदमाता, देवी कात्यायनी, माता कालरात्रि, मां महागौरी और देवी सिद्धिदात्री शामिल हैं। मां के प्रत्येक रूप अलग-अलग गुणों और विशेषताओं का प्रतिनिधित्व करते हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भक्त इस दौरान उपवास रखते हैं और मां की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करते हैं। यह पर्व नौ दिन और नौ रातों तक चलता है।यह भी पढ़ें: Karva Chauth 2024: सुहागिन महिलाएं करवा चौथ पर छलनी से क्यों करती हैं चंद्र दर्शन? बेहद खास है इसकी वजह
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