Navratri Day 2 Wishes: आज नवरात्रि के दूसरे दिन भेजें अपनों को शुभकामना संदेश, ऊँ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः
Navratri Day 2 Wishes मां ब्रह्मचारिणी का रूप स्त्रियों को भी ज्ञान और शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने को प्रेरित करता है। नवरात्रि के दूसरे दिन आप मां ब्रह्मचारिणी के पूजन के साथ-साथ अपने मित्रों और रिश्तेदारों को शुभकामना संदेश भी भेज सकते हैं।
Navratri Day 2 Wishes: नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी के पूजन का विधान है। मां ब्रह्मचारिणी को ज्ञान और तप की देवी माना जाता है। पौराणिक मान्यता है कि माता पार्वती के रूप में जन्म लेने के बाद माता सती ने जब भगवान शिव को पुनः प्राप्त करने के लिए कठोर तप किया। उनके इसी तपस्या और ज्ञान साधना का रूप मां ब्रह्मचारिणी हैं। घोर तप के कारण इन्हें तपस्चारिणी भी कहा जाता है। इनके पूजन से भक्तों को ज्ञान, धैर्य और कठिन परिश्रम करने का गुण प्राप्त होता है। मां ब्रह्मचारिणी का रूप स्त्रियों को भी ज्ञान और शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने को प्रेरित करता है। नवरात्रि के दूसरे दिन आप मां ब्रह्मचारिणी के पूजन के साथ-साथ अपने मित्रों और रिश्तेदारों को शुभकामना संदेश भी भेज सकते हैं। ऐसा करने से मां ब्रह्मचारिणी का आशीर्वाद प्राप्त होगा....
1-ऊँ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः॥
माँ ब्रह्मचारिणी का आशीर्वाद हमेशा आपके साथ रहे।
नवरात्रि 2021 के दूसरे दिन की हार्दिक शुभकामनाएं....
2- जय माँ ब्रह्मचारिणी।।
माँ ब्रह्मचारिणी आपको अच्छा स्वास्थ्य और उज्जवल भविष्य दें।
हैप्पी शुभ नवरात्रि 2021.....
3- दधाना कर पद्माभ्यामक्षमाला कमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥
जय माँ ब्रह्मचारिणी।।
4- या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
हैप्पी शुभ नवरात्रि 2021.....
5- मां ब्रह्मचारिणी आपके और आपके प्रियजनों के लिए खुशी लाएं।
मां ब्रह्मचारिणी का दिव्य आशीर्वाद सदैव आपके साथ रहे।
नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं 2021...।"
6- नवरात्रि के दुसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी,
आपके जीवन में नई आशाएं, अवसर लाएं और इसे समृद्ध बनायें।
शुभ नवरात्रि 2021...
7- जय माँ ब्रह्मचारिणी।।
"ऊर्जा (शाक्ति), धन (लक्ष्मी), और ज्ञान (ज्ञान) से भरी नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ...।
8- त्रिपुरा में हृदयम् पातु ललाटे पातु शङ्करभामिनी।
अर्पण सदापातु नेत्रो, अर्धरी च कपोलो॥
पञ्चदशी कण्ठे पातु मध्यदेशे पातु महेश्वरी॥
षोडशी सदापातु नाभो गृहो च पादयो।
अङ्ग प्रत्यङ्ग सतत पातु ब्रह्मचारिणी॥
शुभ नवरात्रि 2021...
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