New Year 2024 Upay: नए साल के पहले दिन इस योग में करें भगवान शिव की पूजा, चमक उठेगा सोया हुआ भाग्य
New Year 2024 Upay ज्योतिषियों की मानें तो नव वर्ष के प्रथम दिवस पर आयुष्मान योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण 2 जनवरी को प्रातः काल तक है। इस दिन तैतिल और गर करण का भी निर्माण हो रहा है। तैतिल करण का निर्माण दोपहर 2 बजकर 28 मिनट तक है। इसके बाद गर करण का निर्माण हो रहा है।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Sun, 31 Dec 2023 05:23 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। New Year 2024 Upay: साल 2024 की शुरुआत शिवजी को समर्पित दिन सोमवार से हो रही है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही मनोवांछित फल प्राप्ति हेतु सोमवार का व्रत रखा जाता है। शिव पुराण में निहित है कि सोमवार का व्रत करने से साधक को अल्प समय में ही मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। साथ ही भगवान शिव संग माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है। उनकी कृपा से साधक को सभी प्रकार के सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है। ज्योतिषियों की मानें तो साल 2024 के पहले दिन दुर्लभ 'आयुष्मान' योग समेत कई अद्भुत संयोग बन रहे हैं। इन योग में भगवान शिव की पूजा करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। अगर आप भी भगवान शिव की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो नव वर्ष के पहले दिन इस समय में भगवान शिव की पूजा उपासना करें। आइए, शुभ मुहूर्त, योग एवं पूजा विधि जानते हैं-
नव वर्ष के पहले दिन दोपहर 02 बजकर 28 मिनट तक पंचमी तिथि है। इसके पश्चात षष्ठी तिथि है। वहीं, सुबह 08 बजकर 36 मिनट तक मघा नक्षत्र है। इसके पश्चात, दिन भर पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र है।
शुभ योग:-
ज्योतिषियों की मानें तो नव वर्ष के प्रथम दिवस पर 'आयुष्मान' योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण 2 जनवरी को प्रातः काल तक है। इस दिन तैतिल और गर करण का भी निर्माण हो रहा है। तैतिल करण का निर्माण दोपहर 2 बजकर 28 मिनट तक है। इसके बाद गर करण का निर्माण हो रहा है। साधक दोपहर 02 बजकर 28 मिनट तक भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं। भगवान शिव तैतिल करण के संयोग तक नंदी पर सवार रहेंगे। शास्त्रों में निहित है कि भगवान शिव के नंदी पर विराजमान रहने के दौरान महादेव की पूजा करने से व्यक्ति को विशेष कार्य में सफलता मिलती है।पूजा विधि :-
ब्रह्म मुहूर्त में उठकर भगवान शिव को प्रणाम कर दिन की शुरुआत करें। घर की साफ सफाई करें। गंगाजल युक्त पानी से स्नान-ध्यान कर श्वेत रंग का वस्त्र धारण करें। इस समय भगवान सूर्य को जल का अर्घ्य दें। इसके पश्चात, पूजा की सामग्री एकत्र कर लें। भगवान शिव को बेलपत्र ,भांग ,धतूरा ,मदार के पत्ते आदि प्रिय हैं। साथ ही दूध, शहद, मिश्री, मौसमी फल भी रख लें। अब सबसे पहले भगवान शिव का कच्चे दूध से अभिषेक करें। इसके पश्चात, विधि-विधान से भगवान शिव का अभिषेक करें। पूजा के समय शिव चालीसा का पाठ करें। पूजा के अंत में आरती कर सुख, समृद्धि और धन वृद्धि की कामना करें।
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डिसक्लेमर-'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '
डिसक्लेमर-'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '