Nirjala Ekadashi 2023 ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन निर्जला एकादशी व्रत रखा जाता है। इस विशेष दिन पर भगवान विष्णु की उपासना करने से जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं और साधक को सुख एवं समृद्धि की प्राप्ति होती है।
By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraUpdated: Wed, 31 May 2023 10:44 AM (IST)
नई दिल्ली, आध्यात्म डेस्क | Nirjala Ekadashi 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन निर्जला एकादशी व्रत रखा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस विशेष दिन पर भगवान विष्णु एवं माता लक्ष्मी की उपासना करने से साधक को बल, बुद्धि, धन एवं ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। मान्यता यह भी है कि निर्जला एकादशी व्रत रखने से सभी 24 एकादशी व्रतों का फल प्राप्त होता है। निर्जला एकादशी व्रत पौराणिक काल से रखा जाता है और इसका वर्णन महाभारत में किया गया है। बता दें कि द्वापर युग में गदाधारी भीम ने यह व्रत रखा था, जिस वजह से इसे भीमसेनी एकादशी व्रत की कहा जाता है।
इस विशेष दिन पर भगवान विष्णु की विधिवत उपासना करनी चाहिए और कुछ विशेष बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए। शास्त्रों में बताया गया है कि निर्जला एकादशी व्रत के समय पूजा की थाली में किन-किन चीजों का होना आवश्यक होता है। आइए जानते हैं-
निर्जला एकादशी 2023 पूजा सामग्री (Nirjala Ekadashi 2023 Puja Vidhi)
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निर्जला एकादशी के दिन एक चौकी पर साफ वस्त्र बिछाकर भगवान विष्णु एवं माता लक्ष्मी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करनी चाहिए। कपड़े का रंग यदि पीला है तो इसे बहुत ही शुभ माना जाता है।
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भगवान विष्णु को पीला रंग बहुत प्रिय है, इसलिए एकादशी व्रत के दिन पूजा सामग्री में पीले पुष्प, वस्त्र, फल (केला या आम), कलश व आम के पत्ते जरूर रखें।
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पूजा की सामग्री में पान, लौंग, सुपारी, कपूर, पीला चंदन, अक्षत, पानी से भरा नारियल, पंचमेवा, कुमकुम, हल्दी, धूप, दीप, तिल, मिष्ठान, मौली इत्यादि अवश्य रखें। इन चीजों के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है।
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हिंदू धर्म में पंचामृत का विशेष महत्व है। इसलिए भगवान विष्णु की पूजा में पंचामृत अर्थात दूध, दही, घी, शक्कर और शहद से मिश्रित द्रव्य को अवश्य शामिल करें। शास्त्रों में बताया गया है कि पंचामृत का भोग लगाने से और पूजा के बाद उसे ग्रहण करने से साधक को पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है।
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भगवान विष्णु की पूजा में तुलसी का इस्तेमाल निश्चित रूप से किया जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें तुलसी सर्वाधिक प्रिय है। इसलिए पूजा के समय भोग में और पंचामृत में तुलसी पत्र अवश्य डालें। इससे न केवल इन चीजों की शुद्धि होती है, बल्कि भगवान विष्णु भी प्रसन्न होते हैं।
निर्जला एकादशी 2023 शुभ मुहूर्त और व्रत पारण समय (Nirjala Ekadashi 2023 Shubh Muhurat)
हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का शुभारंभ 30 में को दोपहर 01:07 पर होगा और इस तिथि का समापन 31 में को दोपहर 01:45 पर हो जाएगा। ऐसे में यह व्रत 31 में 2023, बुधवार के दिन किया जाएगा। वहीं एकादशी व्रत का पारण अगले दिन यानी 1 जून को सुबह 05:24 से सुबह 08:10 के बीच किया जाएगा।
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