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Nirjala Ekadashi 2024: निर्जला एकादशी के दिन नहीं करने चाहिए ये काम, घर में आती है दरिद्रता

इस बार निर्जला एकादशी का व्रत 18 जून 2024 दिन मंगलवार को रखा जाएगा। ऐसी मान्यता है कि इस शुभ अवसर (Nirjala Ekadashi 2024) पर भक्तों को कठिन उपवास का पालन करना चाहिए। साथ श्री हरि के मंदिर जाना चाहिए। वहीं इस दिन कुछ ऐसे कार्य हैं जिन्हें करने से जीवन में अशुभता आती है तो चलिए जानते हैं -

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sat, 15 Jun 2024 01:49 PM (IST)
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Nirjala Ekadashi 2024:निर्जला एकादशी के दिन न करें ये कार्य -
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में निर्जला एकादशी का व्रत बहुत शुभ माना जाता है। इस तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा करने से वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं। इस बार निर्जला एकादशी का व्रत 18 जून को रखा जाएगा। ऐसी मान्यता है कि इस शुभ अवसर (Nirjala Ekadashi 2024) पर भक्तों को कठिन उपवास का पालन करना चाहिए।

साथ श्री हरि के मंदिर जाना चाहिए। वहीं, इस दिन कुछ ऐसे कार्य हैं, जिन्हें करने से जीवन में अशुभता आती है, तो चलिए उनके बारे में जानते हैं -

निर्जला एकादशी के दिन न करें ये कार्य

  • निर्जला एकादशी के दिन अनाज का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • इस दिन तामसिक चीजों से दूर रहना चाहिए।
  • इस दिन गलती से भी चावल नहीं खाना चाहिए।
  • इस दिन मसूर की दाल, मूली, बैंगन, प्याज, लहसुन, शलजम, गोभी और सेम का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए।
  • इस दिन किसी भी प्रकार के तामसिक आहार का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • इस दिन किसी के साथ विवाद नहीं करना चाहिए।
  • निर्जला एकादशी के दिन बेड पर नहीं सोना चाहिए।
  • इस तिथि पर किसी के बारे में बुरा बोलने से बचना चाहिए।

कब है निर्जला एकादशी?

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 17 जून दिन सोमवार सुबह 04 बजकर 43 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन 18 जून दिन मंगलवार को सुबह 07 बजकर 24 मिनट पर होगा। पंचांग को देखते हुए 18 जून को निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाएगा।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।