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Nirjala Ekadashi 2024: निर्जला एकादशी की पूजा में शामिल करें ये 3 भोग, श्री हरि के साथ प्रसन्न होंगी माता लक्ष्मी

निर्जला एकादशी का व्रत बहुत शुभ माना जाता है। इस बार यह पर्व 18 जून को मनाया जाएगा। इस दिन श्री हरि विष्णु की पूजा होती है। ऐसा कहा जाता है कि जो लोग इस दिन का उपवास रखते हैं उन्हें जीवन में कभी परेशान नहीं होना पड़ता है तो आइए इस दिन किस चीज का भोग भगवान विष्णु को लगाना है उसके बारे में जानते हैं -

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Published: Thu, 13 Jun 2024 10:51 AM (IST)Updated: Thu, 13 Jun 2024 10:51 AM (IST)
Nirjala Ekadashi 2024: निर्जला एकादशी पर लगाएं ये 3 भोग -

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में निर्जला एकादशी का उपवास बहुत फलदायी माना जाता है। इस दिन लोग भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं। इस साल यह 18 जून, 2024 को मनाई जाएगी। ऐसा माना जाता है कि जो साधक इस दिन का उपवास रखते हैं और श्री हरि की विधि अनुसार पूजा-अर्चना करते हैं उनका जीवन सदैव सुखी रहता है। साथ ही पापों का नाश होता है।

इसके अलावा इस तिथि (Nirjala Ekadashi 2024) पर उनका प्रिय भोग भी जरूर लगाना चाहिए। इससे में धन का भंडार सदा भरा रहता है।

निर्जला एकादशी पर लगाएं ये 3 भोग

केले का भोग

निर्जला एकादशी के दिन भगवान विष्णु को केले का भोग अवश्य लगाएं। कहा जाता है कि यह श्री हरि को बहुत प्रिय है। ऐसे में सुबह उठकर पूजा-पाठ के बाद भगवान विष्णु को भोग में केले जरूर अर्पित करें। इससे घर में शुभता का आगमन होता है। साथ ही जीवन में खुशहाली आती है।

पीली मिठाई का भोग

निर्जला एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा में पीली मिठाई का भोग जरूर शामिल करें। यह बहुत अच्छा माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस भोग को अर्पित करने से जीवन की मुश्किलें समाप्त होती हैं। साथ ही कार्यक्षेत्र और ज्ञान में वृद्धि होती है। इसके अलावा व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

पंजीरी का भोग

निर्जला एकादशी पर नारायण को पंजीरी का भोग अवश्य लगाना चाहिए, क्योंकि यह उनका प्रिय भोग है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग इस शुभ अवसर पर यह भोग अर्पित करते हैं, उनके सभी कार्य बनते हैं। साथ ही माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। इसके साथ ही पापों का नाश होता है।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।


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