Kalashtami 2024: नवंबर महीने में कब है कालाष्टमी? नोट करें सही डेट एवं शुभ मुहूर्त
सनातन धर्म में अष्टमी तिथि (Masik Krishnaashtami 2024) का विशेष महत्व है। इस शुभ अवसर पर जगत के पालनहार भगवान कृष्ण और राधा रानी की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही कृष्णाष्टमी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से मनचाही मुराद पूरी होती है। साथ ही सभी प्रकार के दुख एवं संकट दूर हो जाते हैं।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Thu, 14 Nov 2024 10:00 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। प्रत्येक माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर मासिक कालाष्टमी मनाई जाती है। इस दिन मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व भी धूमधाम से मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव देव की पूजा की जाती है। साथ ही कालाष्टमी का व्रत रखा जाता है। इसके साथ ही जगत के पालनहार भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है। कालाष्टमी व्रत के पुण्य-प्रताप से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। आइए, मार्गशीर्ष माह की कालाष्टमी (Kalashtami 2024) की तिथि एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं-
कालाष्टमी शुभ मुहूर्त (Kalashtami Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 22 नवंबर को संध्याकाल 06 बजकर 07 मिनट पर शुरू होगी। इस तिथि का समापन 23 नवंबर को संध्याकाल 07 बजकर 56 मिनट पर होगा। कालाष्टमी पर निशाकाल में काल भैरव देव की पूजा की जाती है। इसके लिए 22 नवंबर को मार्गशीर्ष माह की कालाष्टमी मनाई जाएगी। इस शुभ अवसर पर मासिक कृष्ण जन्माष्टमी भी मनाई जाएगी।कालाष्टमी शुभ योग (Kalashtami Shubh Yog)
ज्योतिषियों की मानें तो मार्गशीर्ष माह की कालाष्टमी पर ब्रह्म और इंद्र योग का शुभ संयोग बन रहा है। इसके साथ ही रवि योग का निर्माण हो रहा है। वहीं, शाम में शिववास योग का भी निर्माण हो रहा है। इन योग में काल भैरव की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होगी।
पंचांग
सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 50 मिनट पर सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 25 मिनट परचंद्रोदय- रात 11 बजकर 41 मिनट परचंद्रास्त- देर रात 12 बजकर 35 मिनट परब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 02 मिनट से 05 बजकर 56 मिनट तकविजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 53 मिनट से 02 बजकर 35 मिनट तकगोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 22 मिनट से 05 बजकर 49 मिनट तकनिशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 41 मिनट से 12 बजकर 34 मिनट तक यह भी पढ़ें: मार्गशीर्ष महीने में कब है गीता जयंती? जानें शुभ मुहूर्त एवं महत्वअस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।