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Shani Dev: कैसे शुरू हुई शनि देव पर तेल चढ़ाने की परंपरा? जिससे सभी समस्या से मिलती है मुक्ति

सनातन धर्म में शनि देव की पूजा-अर्चना करने के लिए शनिवार का दिन शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन शनि देव की उपासना करने से करने से जातक को सभी तरह के दुख और संकट से छुटकारा मिलता है। शनिवार के दिन शनि देव (Oil Pouring on Shani dev) को सरसों का तेल चढ़ाने का विधान है। इससे शनि दोष दूर होता है।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Wed, 20 Nov 2024 03:41 PM (IST)
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Shani Dev: शनि देव पर तेल चढ़ाने से शनि दोष होता है दूर
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। कुंडली में शनि दोष को खत्म करने के लिए शनिवार का दिन बेहद उत्तम माना जाता है, क्योंकि यह दिन शनि देव को समर्पित है। धार्मिक मान्यता है कि शनिवार के दिन शनि देव की उपासना और सरसों का तेल अर्पित करने से कुंडली में शनि मजबूत होता है और जातक को शनि देव की कृपा प्राप्त होती है। यदि आप भी शनि देव का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं, तो विधिपूर्वक शनि देव पर तेल चढ़ाएं। मान्यता है कि ऐसा करने से जातक का जीवन खुशहाल होता है। क्या आप जानते हैं कि शनि देव (Shani dev) को सरसों का तेल क्यों प्रिय है और तेल चढ़ाने की परंपरा कैसे शुरू हुई? अगर नहीं पता, तो आइए पढ़ते हैं इससे जुड़ी कथा।

पहली कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार त्रेतायुग में बजरंगबली ने शनि की पीड़ा से छुटकारा पाने के लिए शनि देव के शरीर पर तेल लगाया था, जिसके बाद शनि की पीड़ा दूर हुई। ऐसे में शनि देव ने कहा कि को साधक विधिपूर्वक मुझपर सरसों का तेल अर्पित करेगा। उसे जीवन की सभी परेशनियों से छुटकारा मिलेगा। तभी से शनि देव पर तेल चढ़ाने का रिवाज शुरू हुआ।

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दूसरी कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, शनि देव को अपनी शक्ति का अहंकार था, जिसकी वजह से उन्होंने बजरंगबली से युद्ध करने का फैसला लिया। जब शनि देव युद्ध करने के लिए पहुंचे, तो उस दौरान हनुमान जी भगवान श्रीराम का ध्यान कर रहे थे और शनि देव ने उन्हें युद्ध करने के लिए चुनौती दी। ऐसे में हनुमान जी ने युद्ध न करने की सलाह दी, परंतु शनि देव ने उनकी बात को नहीं माना, जिसके बाद युद्ध की शुरुआत हुई और शनि देव को हार का सामना करना पड़ा।

युद्ध के बाद बजरंगबली ने शनि देव के घावों को सही करने करने के लिए सरसों का तेल लगाया। तब शनि देव ने कहा कि जो जातक मुझे तेल अर्पित करेंगे और विधिपूर्वक बजरंगबली की पूजा-अर्चना करेंगे। उन्हें सभी तरह के सभी कष्‍टों से छुटकारा मिलेगा।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।