Palash Phool Ke Upay: पलाश फूल के ये उपाय, बड़ी-से-बड़ी समस्या का करेंगे समाधान
पलाश के फूल जिसने देखने में सुंदर लगते हैं इसके ज्योतिष शास्त्र में उतने ही लाभ भी बताए गए हैं। वास्तु शास्त्र में भी पलाश का पौधा घर में लगाना बहुत ही शुभ माना जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं पलाश फूल (Palash Phool Ke Upay) के कुछ ऐसे ही उपाय जो आपको जीवन में लाभ दिला सकते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। कई मान्यताओं के अनुसार, पलाश में त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश (भगवान शिव) का वास माना गया है। स्वास्थ्य के दृष्टि से भी पलाश के कई लाभ देखने को मिलते हैं। साथ ही मां लक्ष्मी की पूजा में पलाश के फूलों का इस्तेमाल करना बहुत ही शुभ माना जाता है। ऐसे में हम आपको पलाश के कुछ ऐसे उपाय बताने जा रहे हैं, जो आपको जीवन की कई समस्याओं से छुटकारा दिला सकते हैं।
मिलते हैं ये लाभ
ऐसा माना जाता है कि पलाश के फूल को घर में लगाने से मां लक्ष्मी की कृपा आपके और आपके परिवार के ऊपर बनी रहती है, जिससे धन आगमन में वृद्धि होती है। साथ ही इस पौधे को घर में लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है, जिससे घर में भी सुख-शांति का माहौल बना रहता है।
नजर दोष से मिलेगा छुटकारा
अगर परिवार में किसी सदस्य को नजर लग गई है, तो इसके लिए भी आप पलाश का ये उपाय कर सकते हैं। इसके लिए रविवार के दिन पलाश के पेड़ की जड़ को एक सूती धागे से लपेटकर उस व्यक्ति के दाहिने हाथ में बांध दें, जिसे नजर लगी है। इस उपाय को करने से नजर दोष दूर होता है।
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शुक्रवार के दिन करें ये काम
शुक्रवार का दिन धन की देवी मां लक्ष्मी को समर्पित माना जाता है। ऐसे में आप शुक्रवार के दिन माता की पूजा के दौरान उन्हें सफेद पलाश का फूल अर्पित कर सकते हैं। इसके बाद इस फूल को एक हल्दी की गांठ के साथ अपनी तिजोरी में रख दें। इससे व्यक्ति को धन संबंधी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता। लेकिन साथ ही इस बात का ध्यान भी रखें कि शुक्रवार के दिन पलाश के पेड़ को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए।
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।