Panchak February 2024: आज से शुरू हो रहे हैं फरवरी के पंचक, जानिए इस दौरान क्यों नहीं किए जाते शुभ कार्य
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जहां ग्रहों की स्थिति में परिवर्तन से शुभ योग का निर्माण होता है तो कई बार अशुभ योग भी बनते हैं। ज्योतिष शास्त्र की दृष्टि से पंचक को अशुभ समय के तौर पर देखा जाता है। इस दौरान कोई भी शुभ काम करने की मनाही होती है। पंचक के समय में कुछ विशेष नियमों का ध्यान भी रखना होता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। February Panchak 2024: हिंदू धर्म में माना गया है कि हर शुभ काम अच्छा मुहूर्त देखकर ही करना चाहिए, वरना उनका शुभ परिणाम प्राप्त नहीं होता। ज्योतिष शास्त्र में जहां शुभ कार्य करने के लिए कुछ शुभ दिन माने गए हैं, तो वहीं कुछ अशुभ दिन भी हैं, जिन पर किए गए कार्यों का अच्छा परिणाम प्राप्त नहीं होता। पंचक को भी अशुभ दिनों में ही गिना जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि पंचक के दौरान शुभ कार्य क्यों नहीं करने चाहिए।
पंचक का समय
पंचांग के अनुसार, जनवरी माह में पंचक का आरंभ 10 फरवरी, शनिवार के दिन सुबह के 10 बजकर 02 मिनट पर हो रहा है। वहीं, इसका समापन 14 फरवरी बुधवार के दिन सुबह 10 बजकर 44 मिनट पर होगा।
पंचक क्यों है अशुभ
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हर महीने में कुछ ऐसे दिन होते हैं, जब किसी भी प्रकार के शुभ या मांगलिक कार्य करने की मनाही होती है। जब जब चन्द्रमा धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती नक्षत्र में विचरण करता है, तो उसे ही पंचक कहा जाता है।
इन सभी नक्षत्रों को पार करने में चंद्रमा को लगभग 5 दिन का समय लगता है, इसलिए इसे पंचक के नाम से जाता है। प्रत्येक 27 दिनों के बाद पंचक लगते हैं। वहीं, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब पंचक की अवधि शनिवार से शुरू होती है, तो इसे और भी अशुभ माना जाता है। फरवरी के पंचक भी शनिवार से ही शुरू हो रहे हैं, ऐसे में विशेष सावधानी की आवश्यकता है।
न करें ये काम
मान्यताओं के अनुसार, पंचक के दौरान विवाह, गृह निर्माण, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य नहीं करने चाहिए। इसके साथ ही पंचक के दौरान पैसों के लेन-देन या सौदे करना भी शुभ नहीं माना जाता। इसके साथ ही पंचक के दौरान चारपाई बनवाने या छत ढलवाने जैसे कार्य करने की भी मनाही होती है। माना जाता है कि इन कार्यों को करने से धन हानि और गृह क्लेश जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है।
न करें इस दिशा में यात्रा
पंचक के दौरान दक्षिण दिशा में यात्रा करने से भी बचना चाहिए, वरना इसका बुरा परिणाम भी मिल सकता है। लेकिन किसी कारणवश दक्षिण दिशा में यात्रा करनी पड़े, तो इसके लिए यात्रा शुरू करने से पहले कुछ कदम पीछे मुड़ें और फिर दक्षिण दिशा में यात्रा शुरू कर सकते हैं।
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