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Papankusha Ekadashi 2023: पापाकुंशा एकादशी पर दुर्लभ ध्रुव योग का हो रहा है निर्माण, दूर होंगे दुख और संताप

पापाकुंशा एकादशी पर ध्रुव योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण दोपहर 12 बजकर 18 मिनट से शुरू हो रहा है जो अगले दिन सुबह 08 बजकर 50 मिनट तक है। इस योग में शुभ काम कर सकते हैं। साथ ही ध्रुव योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 23 Oct 2023 05:05 PM (IST)
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Papankusha Ekadashi 2023: पापाकुंशा एकादशी पर दुर्लभ ध्रुव योग का हो रहा है निर्माण, दूर होंगे सभी दुख और संताप
धर्म डेस्क, नई दिल्ली | Papankusha Ekadashi 2023: सनातन धर्म में एकादशी तिथि जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन साधक भगवान विष्णु के निमित्त व्रत रख विधि-विधान से अपने आराध्य की पूजा-अर्चना करते हैं। इस वर्ष 25 अक्टूबर को पापाकुंशा एकादशी है। यह पर्व हर वर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस व्रत के पुण्य प्रताप से अनजाने में किए हुए सभी पाप मिट जाते हैं। साथ ही घर में जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख और संकट दूर हो जाते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो पापाकुंशा एकादशी पर दुर्लभ ध्रुव योग समेत कई शुभ योग बन रहे हैं। इन योग में जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है। आइए, शुभ मुहूर्त, तिथि एवं शुभ योग और राहुकाल जानते हैं-

शुभ मुहूर्त

आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 24 अक्टूबर को दोपहर 03 बजकर 14 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन यानी 25 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 32 मिनट पर समाप्त होगी। वहीं, पारण का समय 26 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 28 मिनट से लेकर 08 बजकर 43 मिनट तक है।

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वृद्धि योग

ज्योतिषियों की मानें तो पापाकुंशा एकादशी पर अत्यंत लाभकारी वृद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस शुभ योग का निर्माण दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक हो रहा है। इस योग में शुभ काम कर सकते हैं। साथ ही भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।

ध्रुव योग

पापाकुंशा एकादशी पर ध्रुव योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण दोपहर 12 बजकर 18 मिनट से शुरू हो रहा है, जो अगले दिन सुबह 08 बजकर 50 मिनट तक है। इस योग में शुभ काम कर सकते हैं। साथ ही ध्रुव योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है। पापाकुंशा एकादशी पर बव और बालव करण का भी निर्माण हो रहा है।

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 28 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 42 मिनट पर

पंचांग

ब्रह्म मुहूर्त - 04 बजकर 46 मिनट से 05 बजकर 37 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 42 मिनट से 06 बजकर 08 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 40 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक

अशुभ समय

राहुकाल - दोपहर 12 बजकर 05 मिनट से 01 बजकर 29 मिनट तक

गुलिक काल - सुबह 10 बजकर 41 मिनट से दोपहर 12 बजकर 05 मिनट तक

दिशा शूल - उत्तर

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।