Papankusha Ekadashi पर करें तुलसी माता के नामों का मंत्र जप, आर्थिक तंगी से मिलेगी निजत
ज्योतिषियों की मानें तो आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन पापाकुंशा एकादशी (Papankusha Ekadashi 2024 Date) मनाई जाती है। इस व्रत को करने से साधक के सभी पाप धूल जाते हैं। इस शुभ अवसर पर रवि योग का संयोग बन रहा है। साधक एकादशी के दिन श्रद्धा भाव से भगवान विष्णु की पूजा करते हैं।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Tue, 08 Oct 2024 08:36 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, 13 अक्टूबर को पापाकुंशा एकादशी है। यह पर्व हर वर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा (Papankusha Ekadashi Puja Vidhi) की जाती है। साथ ही एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से जाने-अनजाने में किए गए पापों से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का आगमन होता है। अगर आप भी भगवान विष्णु की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो पापाकुंशा एकादशी पर विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय तुलसी माता के नामों का मंत्र जप करें।
तुलसी जी के 108 नाम
1.ॐ श्री तुलस्यै नमः2.ॐ नन्दिन्यै नमः3.ॐ देव्यै नमः4.ॐ शिखिन्यै नमः5.ॐ धारिण्यै नमः6.ॐ धात्र्यै नमः7.ॐ सावित्र्यै नमः8.ॐ सत्यसन्धायै नमः9.ॐ कालहारिण्यै नमः
10.ॐ गौर्यै नमः11.ॐ देवगीतायै नमः12.ॐ द्रवीयस्यै नमः13.ॐ पद्मिन्यै नमः14.ॐ सीतायै नमः15.ॐ रुक्मिण्यै नमः16.ॐ प्रियभूषणायै नमः17.ॐ श्रेयस्यै नमः18.ॐ श्रीमत्यै नमः19.ॐ मान्यायै नमः20.ॐ गौर्यै नमः21.ॐ गौतमार्चितायै नमः22.ॐ त्रेतायै नमः23.ॐ त्रिपथगायै नमः24.ॐ त्रिपादायै नमः25.ॐ त्रैमूर्त्यै नमः
26.ॐ जगत्रयायै नमः27.ॐ त्रासिन्यै नमः28.ॐ गात्रायै नमः29.ॐ गात्रियायै नमः30.ॐ गर्भवारिण्यै नमः31.ॐ शोभनायै नमः32.ॐ समायै नमः33.ॐ द्विरदायै नमः34.ॐ आराद्यै नमः35.ॐ यज्ञविद्यायै नमः36.ॐ महाविद्यायै नमः37.ॐ गुह्यविद्यायै नमः38.ॐ कामाक्ष्यै नमः39.ॐ कुलायै नमः40.ॐ श्रीयै नमः41.ॐ भूम्यै नमः
42.ॐ भवित्र्यै नमः43.ॐ सावित्र्यै नमः44.ॐ सरवेदविदाम्वरायै नमः45.ॐ शंखिन्यै नमः46.ॐ चक्रिण्यै नमः47.ॐ चारिण्यै नमः48.ॐ चपलेक्षणायै नमः49.ॐ पीताम्बरायै नमः50.ॐ प्रोत सोमायै नमः51.ॐ सौरसायै नमः52.ॐ अक्षिण्यै नमः53.ॐ अम्बायै नमः54.ॐ सरस्वत्यै नमः55.ॐ सम्श्रयायै नमः56.ॐ सर्व देवत्यै नमः
57.ॐ विश्वाश्रयायै नमः58.ॐ सुगन्धिन्यै नमः59.ॐ सुवासनायै नमः60.ॐ वरदायै नमः61.ॐ सुश्रोण्यै नमः62.ॐ चन्द्रभागायै नमः63.ॐ यमुनाप्रियायै नमः64.ॐ कावेर्यै नमः65.ॐ मणिकर्णिकायै नमः66.ॐ अर्चिन्यै नमः67.ॐ स्थायिन्यै नमः68.ॐ दानप्रदायै नमः69.ॐ धनवत्यै नमः70.ॐ सोच्यमानसायै नमः71.ॐ शुचिन्यै नमः
72.ॐ श्रेयस्यै नमः73.ॐ प्रीतिचिन्तेक्षण्यै नमः74.ॐ विभूत्यै नमः75.ॐ आकृत्यै नमः76.ॐ आविर्भूत्यै नमः77.ॐ प्रभाविन्यै नमः78.ॐ गन्धिन्यै नमः79.ॐ स्वर्गिन्यै नमः80.ॐ गदायै नमः81.ॐ वेद्यायै नमः82.ॐ प्रभायै नमः83.ॐ सारस्यै नमः84.ॐ सरसिवासायै नमः85.ॐ सरस्वत्यै नमः86.ॐ शरावत्यै नमः87.ॐ रसिन्यै नमः
88.ॐ काळिन्यै नमः89.ॐ श्रेयोवत्यै नमः90.ॐ यामायै नमः91.ॐ ब्रह्मप्रियायै नमः92.ॐ श्यामसुन्दरायै नमः93.ॐ रत्नरूपिण्यै नमः94.ॐ शमनिधिन्यै नमः95.ॐ शतानन्दायै नमः96.ॐ शतद्युतये नमः97.ॐ शितिकण्ठायै नमः98.ॐ प्रयायै नमः99.ॐ धात्र्यै नमः100.ॐ श्री वृन्दावन्यै नमः101.ॐ कृष्णायै नमः102.ॐ भक्तवत्सलायै नमः
103.ॐ गोपिकाक्रीडायै नमः104.ॐ हरायै नमः105.ॐ अमृतरूपिण्यै नमः106.ॐ भूम्यै नमः107.ॐ श्री कृष्णकान्तायै नमः108.ॐ श्री तुलस्यै नमःयह भी पढ़ें: 13 या 14 अक्टूबर, कब है पापांकुशा एकादशी? नोट करें सही डेट एवं पूजा का शुभ मुहूर्त
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