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Papmochani Ekadashi 2024: पापमोचनी एकादशी पर करें भगवान विष्णु के 108 नामों का जाप, बनी रहेगी श्री हरि की कृपा

इस बार पापमोचनी एकादशी 05 अप्रैल को मनाई जाएगी। ऐसा माना जाता है कि जो जातक इस दिन का व्रत रखते हैं उन्हें जीवन के सभी पापों से मुक्ति मिलती है। एकादशी पर भगवान विष्णु के 108 नामों का जाप करना भी बहुत अच्छा होता है। अगर आप श्री हरि की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको इस दिन का उपवास जरूर करना चाहिए।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Thu, 28 Mar 2024 01:46 PM (IST)
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Papmochani Ekadashi 2024: भगवान विष्णु के 108 नाम
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Papmochani Ekadashi 2024: पापमोचनी एकादशी बेहद पवित्र मानी जाती है। इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा का विधान है। इस साल यह एकादशी 05 अप्रैल को पड़ रही है। ऐसा कहा जाता है कि जो भक्त इस दिन का व्रत करते हैं और जगत के पालनहार की पूजा करते हैं उन्हें शुभ फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही इस दिन भगवान विष्णु के 108 नामों का जाप करना भी शुभ माना जाता है। तो आइए यहां पढ़ते हैं -

भगवान विष्णु के 108 नाम

  • ऊँ श्री विष्णवे नम:
  • ऊँ श्री परमात्मने नम:
  • ऊँ श्री विराट पुरुषाय नम:
  • ऊँ श्री क्षेत्र क्षेत्राज्ञाय नम:
  • ऊँ श्री केशवाय नम:
  • ऊँ श्री पुरुषोत्तमाय नम:
  • ऊँ श्री ईश्वराय नम:
  • ऊँ श्री हृषीकेशाय नम:
  • ऊँ श्री पद्मनाभाय नम:
  • ऊँ श्री विश्वकर्मणे नम:
  • ऊँ श्री कृष्णाय नम:
  • ऊँ श्री प्रजापतये नम:
  • ऊँ श्री हिरण्यगर्भाय नम:
  • ऊँ श्री सुरेशाय नम:
  • ऊँ श्री सर्वदर्शनाय नम:
  • ऊँ श्री माधवाय नम:
  • ऊँ श्री महाबलाय नम:
  • ऊँ श्री गोविन्दाय नम:
  • ऊँ श्री प्रजापतये नम:
  • ऊँ श्री विश्वातमने नम:
  • ऊँ श्री सहस्त्राक्षाय नम:
  • ऊँ श्री नारायणाय नम:
  • ऊँ श्री सिद्ध संकल्पयाय नम:
  • ऊँ श्री महेन्द्राय नम:
  • ऊँ श्री वामनाय नम:
  • ऊँ श्री अनन्तजिते नम:
  • ऊँ श्री महीधराय नम:
  • ऊँ श्री गरुडध्वजाय नम:
  • ऊँ श्री लक्ष्मीपतये नम:
  • ऊँ श्री दामोदराय नम:
  • ऊँ श्री कमलापतये नम:
  • ऊँ श्री परमेश्वराय नम:
  • ऊँ श्री धनेश्वराय नम:
  • ऊँ श्री मुकुन्दाय नम:
  • ऊँ श्री आनन्दाय नम:
  • ऊँ श्री सत्यधर्माय नम:
  • ऊँ श्री उपेन्द्राय नम:
  • ऊँ श्री चक्रगदाधराय नम:
  • ऊँ श्री भगवते नम
  • ऊँ श्री शान्तिदाय नम:
  • ऊँ श्री गोपतये नम:
  • ऊँ श्री श्रीपतये नम:
  • ऊँ श्री श्रीहरये नम:
  • ऊँ श्री श्रीरघुनाथाय नम:
  • ऊँ श्री कपिलेश्वराय नम:
  • ऊँ श्री वाराहय नम:
  • ऊँ श्री नरसिंहाय नम:
  • ऊँ श्री रामाय नम:
  • ऊँ श्री हयग्रीवाय नम:
  • ऊँ श्री शोकनाशनाय नम:
  • ऊँ श्री विशुद्धात्मने नम
  • ऊँ श्री केश्वाय नम:
  • ऊँ श्री धनंजाय नम:
  • ऊँ श्री ब्राह्मणप्रियाय नम:
  • ऊँ श्री श्री यदुश्रेष्ठाय नम:
  • ऊँ श्री लोकनाथाय नम:
  • ऊँ श्री भक्तवत्सलाय नम:
  • ऊँ श्री चतुर्मूर्तये नम:
  • ऊँ श्री एकपदे नम:
  • ऊँ श्री सुलोचनाय नम:
  • ऊँ श्री सर्वतोमुखाय नम:
  • ऊँ श्री सप्तवाहनाय नम:
  • ऊँ श्री वंशवर्धनाय नम:
  • ऊँ श्री योगिनेय नम:
  • ऊँ श्री धनुर्धराय नम:
  • ऊँ श्री प्रीतिवर्धनाय नम:
  • ऊँ श्री प्रीतिवर्धनाय नम
  • ऊँ श्री अक्रूराय नम:
  • ऊँ श्री दु:स्वपननाशनाय नम:
  • ऊँ श्री भूभवे नम:
  • ऊँ श्री प्राणदाय नम:
  • ऊँ श्री देवकी नन्दनाय नम:
  • ऊँ श्री शंख भृते नम:
  • ऊँ श्री सुरेशाय नम:
  • ऊँ श्री कमलनयनाय नम:
  • ऊँ श्री जगतगुरूवे नम:
  • ऊँ श्री सनातन नम:
  • ऊँ श्री सच्चिदानन्दाय नम:
  • ऊँ श्री द्वारकानाथाय नम:
  • ऊँ श्री दानवेन्द्र विनाशकाय नम:
  • ऊँ श्री दयानिधि नम:
  • ऊँ श्री एकातम्ने नम:
  • ऊँ श्री शत्रुजिते नम:
  • ऊँ श्री घनश्यामाय नम:
  • ऊँ श्री लोकाध्यक्षाय नम:
  • ऊँ श्री जरा-मरण-वर्जिताय नम:
  • ऊँ श्री सर्वयज्ञफलप्रदाय नम:
  • ऊँ श्री विराटपुरुषाय नम:
  • ऊँ श्री यशोदानन्दनयाय नम:
  • ऊँ श्री परमधार्मिकाय नम:
  • ऊँ श्री गरुडध्वजाय नम:
  • ऊँ श्री प्रभवे नम:
  • ऊँ श्री लक्ष्मीकान्ताजाय नम:
  • ऊँ श्री गगनसदृश्यमाय नम:
  • ऊँ श्री वामनाय नम:
  • ऊँ श्री हंसाय नम:
  • ऊँ श्री वयासाय नम:
  • ऊँ श्री प्रकटाय नम:
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