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Papmochani Ekadashi 2024: पापमोचनी एकादशी के दिन करें ये उपाय, बिगड़े काम होंगे पूरे

हर एकादशी का अपना एक विशेष महत्व है। इस दिन भक्त भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और उपवास रखते हैं। इस साल यह व्रत 05 अप्रैल को रखा जाएगा जब यह व्रत इतना करीब है तो इससे जुड़े उपायों के बारे में भी जानना बेहद जरूरी है क्योंकि इस दिन किए गए उपाय जीवन का हर वो सुख दिलाते हैं जिसे पाने में हमें सालों लग जाता है।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sat, 30 Mar 2024 09:10 AM (IST)
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Papmochani Ekadashi 2024: पापमोचनी एकादशी के दिन करें ये उपाय

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Papmochani Ekadashi 2024: पापमोचनी एकादशी का व्रत बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। साल में कुल 24 एकादशियां होती हैं और यह साल की अंतिम एकादशी है। हर एकादशी का अपना एक विशेष महत्व है। इस दिन भक्त भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं और उपवास रखते हैं। इस साल यह व्रत 05 अप्रैल को रखा जाएगा,

जब यह व्रत इतना करीब है, तो इससे जुड़े उपायों के बारे में भी जानना बेहद जरूरी है, क्योंकि इस दिन किए गए उपाय जीवन का हर वो सुख दिलाते हैं, जिसे पाने में हमें सालों लग जाता है, तो आइए उन उपायों के बारे में जानते हैं -

पापमोचनी एकादशी का शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 04 अप्रैल, 2024 दिन गुरुवार शाम 04 बजकर 16 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन 05 अप्रैल, 2024 दिन शुक्रवार दोपहर 01 बजकर 28 मिनट पर होगा। उदयातिथि को देखते हुए इसका उपवास 05 अप्रैल को ही रखा जाएगा।

गेंदे के फूल का उपाय

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पापमोचनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को पीले फूल अवश्य चढ़ाएं। इसके साथ ही पूजा कक्ष, रसोई और तुलसी के पौधे के पास एक गेंदे का फूल लाल कपड़े में बांधकर रख दें। ऐसा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होंगे। साथ ही आपके घर से आर्थिक मुश्किलें समाप्त होंगी। इसके साथ ही जिसके लिए आप लंबे समय से परेशान थे वो कार्य भी आपका सिद्ध होगा।

नौ बत्तियों का दीपक जलाएं

पापमोचनी एकादशी के दिन श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी की विधि अनुसार पूजा करें। साथ ही कठिन व्रत का पालन करें और विष्णु जी के समक्ष नौ बत्तियों का दीपक जलाएं। इसके बाद मां लक्ष्मी के कनकधारा स्तोत्र और श्री हरि स्तोत्र का पाठ करें। ऐसा करने से भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होगी।

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डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी'।