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Parsi New Year 2022: भारत में आज मनाया जा रहा है नवरोज, जानिए पारसी नव वर्ष का इतिहास और महत्व

Parsi New Year 2022 भारत में पारसी समुदाय के लोग 16 अगस्त के दिन को नए साल के रूप में मनाते हैं। इसे नवरोज भी कहते हैं। इस दिन पारसी लोग एक दूसरे को शुभकामनाएं देने के साथ उपहार देते हैं।

By Shivani SinghEdited By: Updated: Tue, 16 Aug 2022 08:24 AM (IST)
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Parsi New Year 2022: भारत में आज मनाया जा रहा है नवरोज, जानिए पारसी नव वर्ष का इतिहास और महत्व
नई दिल्ली, Parsi New Year 2022: इस साल पारसी नववर्ष यानी नवरोज (Navroz) का पर्व आज मनाया जा रहा है। फ़ारसी में 'नव' और 'रोज़' शब्द का मतलब होता है कि 'नया' और 'दिन'। नवरोज को जमशेदी नवरोज, नौरोज, पतेती नाम से भी जानते हैं। हिंदी कैलेंडर के अनुसार, दुनियाभर में नया साल 1 जनवरी को मनाया जाता है। वहीं हिंदू धर्म में नया साल चैत्र मास में मनाया जाता है। उसी तरह पारसी कैलेंडर के अनुसार, नवरोज आज के दिन मनाया जाता है। नवरोज को जमशेदी नवरोज भी कहते हैं। क्योंकि पारसी कैलेंडर में सौर गणना की शुरुआत करने वाले महान फारसी राजा का नाम जमशेद था।

भारत में कब होता है नवरोज?

कई जगह यह त्योहार साल में दो बार मनाया जाता है जो 16 अगस्त और 21 मार्च को को भी छमाही और वार्षिक के तौर पर मनाया जाता है। दुनियाभर में पारसी समुदाय के लोग यह पर्व पारसी पंचांग के पहले महीने के पहले दिन यानी 21 मार्च को मनाते हैं। जबकि भारत में पारसी लोग शहंशाही पंचांग का अनुसरण करते हैं। इसलिए वह 16 अगस्त को मनाते हैं।

नवरोज मनाने के कारण

नवरोज करीब पिछले 30 हजार सालों से पारसी समुदाय के द्वारा मनाया जा रहा है। यह उत्सव फारस के राजा जमशेद की याद में मनाते हैं। माना जाता है कि योद्धा जमशेद ने पारसी कैलेंडर की स्थापना की थी। इसके साथ ही उन्होंने इस दिन सिंहासन ग्रहण किया था। इस कारण इस दिन को बड़े ही धूमधाम तरीके से हर साल मनाया जाता है। पारसी नव वर्ष समारोह जमशेद-ए-नौरोज के नाम से भी प्रसिद्ध है.

कैसे मनाते हैं नवरोज

इस दिन पारसी समुदाय के लोग जल्दी उठकर तैयार हो जाते हैं और तरह-तरह के व्यंजन बनाते हैं और अपने दोस्तों और करीबियों को बांटते है। इसके साथ ही एक-दूसरे को गिफ्ट्स भी देते हैं। माना जाता है कि नवरोज के दिन गिफ्ट्स को देने के साथ राजा जमशेद की पूजा करने से घर में हमेशा खुशहाली बनी रहती है।

Pic Credit- Freepik

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