Paush Amavasya 2024: पौष अमावस्या के दिन इन चीजों का करें दान, पितृदोष से मिलेगा छुटकारा
पौष अमावस्या पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा-व्रत करने का विधान है। साथ ही पिंडदान और पितरों का तर्पण किया जाता है। मान्यता के अनुसार अमावस्या तिथि पर गंगा स्नान पूजा जप-तप और दान करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि तर्पण करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं। इस बार पौष अमावस्या 11 जनवरी को है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Paush Amavasya 2024: सनातन धर्म में अमावस्या की तिथि का विशेष महत्व है। इस अवसर पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा-व्रत करने का विधान है। साथ ही पिंडदान और पितरों का तर्पण किया जाता है। मान्यता के अनुसार, अमावस्या तिथि पर गंगा स्नान, पूजा, जप-तप और दान करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि तर्पण करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं। उनकी कृपा व्यक्ति पर सैदव बनी रहती है। इस बार साल 2024 की पहली अमावस्या 11 जनवरी को है। धार्मिक मत है कि अमावस्या के दिन कुछ चीजों का दान करने से व्यक्ति का जीवन सुखमय होता है और पितृदोष से छुटकारा मिलता है। चलिए जानते हैं पौष अमावस्या के दिन किन चीजों का दान करना शुभ होता है।
पौष अमावस्या के दिन करें ये दान
1. पौष अमावस्या पर मूंगफली, गेहूं, गुड़ और तांबा का दान करें। माना जाता है कि ऐसा करने से साधक को पितरों के साथ सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है।यह भी पढ़ें: Magh Bihu Festival 2024: इस दिन मनाया जाएगा साल का पहला बिहू, जानें तारीख, महत्व और पूजा नियम
2. पौष अमावस्या के दिन कपूर, चावल, दूध और घी का दान करें। इन चीजों का दान करने से वैवाहिक जीवन सदैव सुखमय रहता है।3. इसके अलावा अमावस्या की रात्रि को नदी में दीपदान करना चाहिए। ऐसा करने से यमराज खुश होते हैं। व्यक्ति को मृत्यु के बाद यमलोक के कष्ट नहीं सहने पड़ते हैं।
4. पौष अमावस्या पर गरीबों को जूते-चप्पल का दान करना चाहिए। मान्यता है कि जूते-चप्पल दान करने से घर में खुशहाली आती है।
5. पितरों को प्रसन्न करने के लिए पौष अमावस्या के अवसर पर अगर संभव हो तो भूमि का दान करें। गरुड़ पुराण के अनुसार, पौष अमावस्या पर धोती, गमछा समेत अन्य कपडों का दान करने से भी पितृ प्रसन्न होते हैं।पौष अमावस्या का महत्व धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, पौष का महीना पितरों के लिए अहम माना गया है। इस माह में पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध कार्य किए जाते हैं, जिससे पूर्वजों की आत्मा की शांति प्राप्त होती है। अमावस्या के दिन पितृ दोष से छुटकारा पाने के लिए कई उपाय किए जाते हैं। तर्पण करने से आर्थिक, शारीरिक और मानसिक रूप से जीवन सदैव सुखमय रहता है।
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Author- Kaushik Sharmaडिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'