Move to Jagran APP

Paush Amavasya 2024: पौष अमावस्या पर इस शुभ मुहूर्त में करें भगवान शिव का अभिषेक, पितृ दोष से मिलेगी निजात

Paush Amavasya 2024 धार्मिक मत है कि अमावस्या तिथि पर पितरों का तर्पण करने से साधक को पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। साथ ही पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। उनकी कृपा से साधक के सुख-सौभाग्य आय और वंश में वृद्धि होती है। ज्योतिषियों की मानें तो अमावस्या तिथि पर देवों के देव महादेव के अभिषेक हेतु दुर्लभ संयोग बन रहा है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Wed, 10 Jan 2024 11:23 AM (IST)
Hero Image
Paush Amavasya 2024: पौष अमावस्या पर इस शुभ मुहूर्त में करें भगवान शिव का अभिषेक, पितृ दोष से मिलेगी निजात
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Paush Amavasya 2024: सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन स्नान-ध्यान, पूजा, जप-तप और दान-पुण्य किया जाता है। साथ ही पितरों का तर्पण और पिंडदान भी किया जाता है। धार्मिक मत है कि अमावस्या तिथि पर पितरों का तर्पण करने से साधक को पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। साथ ही पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। उनकी कृपा से साधक के सुख-सौभाग्य, आय और वंश में वृद्धि होती है। ज्योतिषियों की मानें तो अमावस्या तिथि पर देवों के देव महादेव के अभिषेक हेतु दुर्लभ संयोग बन रहा है। इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख और संताप दूर होंगे। साथ ही पितृ दोष से भी मुक्ति मिलेगी। आइए, शुभ मुहू्र्त, योग एवं महादेव के अभिषेक का समय जानते हैं-

यह भी पढ़ें: मकर संक्रांति पर इस 1 चीज से करें भगवान शिव का अभिषेक, चमक उठेगा सोया हुआ भाग्य

शुभ मुहूर्त

पौष अमावस्या 10 जनवरी को शाम 08 बजकर 10 मिनट पर शुरू होगी और 11 जनवरी को संध्याकाल 05 बजकर 26 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में सूर्योदय से तिथि की गणना होती है। अतः 11 जनवरी को पौष अमावस्या मनाई जाएगी।

अभिषेक समय

पौष अमावस्या पर देवों के देव महादेव संध्याकाल 05 बजकर 26 मिनट तक जगत जननी मां पार्वती के साथ रहेंगे। शास्त्रों में निहित है कि भगवान शिव के कैलाश पर रहने के समय, नंदी पर सवार रहने और मां पार्वती के साथ रहने के समय अभिषेक करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। अमावस्या तिथि शाम 05 बजकर 26 मिनट तक है। अतः साधक शाम 05 बजकर 26 मिनट तक अभिषेक कर सकते हैं। इसके लिए अमावस्या तिथि पर गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें। इसके बाद श्वेत वस्त्र धारण कर गंगाजल, दूध, सामान्य जल, पंचामृत से भगवान शिव का अभिषेक करें। 

यह भी पढ़ें: गुरुवार के दिन जरूर करें ये 4 चमत्कारी उपाय, धन से भर जाएगी तिजोरी

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'