Paush Month ke Upay: पौष माह में करें ये उपाय, सूर्य देव और पितृ होंगे प्रसन्न
पौष माह की शुरुआत मार्गशीर्ष पूर्णिमा के अगले दिन से होती है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार पौष माह को दसवां महीना माना जाता है। इस माह में जगत के पालनहार भगवान विष्णु और सूर्य देव की पूजा की जाती है। इस माह को छोटा पितृ पक्ष के रूप में भी जानते हैं। इसलिए पौष माह में पिंडदान श्राद्ध तर्पण करना बेहद शुभ माना जाता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Paush Month ke Upay: पौष माह की शुरुआत मार्गशीर्ष पूर्णिमा के अगले दिन से होती है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, पौष माह को दसवां महीना माना जाता है। इस माह में जगत के पालनहार भगवान विष्णु और सूर्य देव की पूजा की जाती है। इस माह को छोटा पितृ पक्ष के रूप में भी जानते हैं। इसलिए पौष माह में पिंडदान, श्राद्ध, तर्पण करना बेहद शुभ माना जाता है। इस बार पौष माह की शुरुआत 27 दिसंबर से होगी और इसका समापन 25 जनवरी को होगा। मान्यता है कि पौष माह में यदि कुछ उपाय किए जाएं, तो वे बेहद फलदायी होते हैं। पितृ प्रसन्न होते हैं। आइए जानते हैं पौष माह में किए जाने वाले उपायों के बारे में।
पौष माह के उपाय
पौष माह में दान और पुण्य करना अच्छा होता है। इस माह में गरीबों को कंबल, गर्म कपड़े, गुड़ समेत आदि चीजों का दान करना चाहिए। माना जाता है कि इस उपाय को करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और घर में सुख-शांति का वास रहता है।यह भी पढ़ें: Tulsi Diwas Ke Upay: तुलसी दिवस पर करें ये उपाय, चमक जाएगा आपका भाग्य
पौष माह में पीपल के पेड़ की पूजा करने से पितृ दोष से छुटकारा मिलता है। इस पेड़ की रोजाना पूजा करनी चाहिए। मान्यता है कि इस उपाय को करने से पितरों को संतुष्टि मिलती है lपौष माह में जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करना बेहद शुभ होता है। पूजा के दौरान श्री हरि विष्णु के मंत्रों का जाप करना चाहिए। इस उपाय को करने से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
पौष माह के हर रविवार को व्रत करें और विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करें। माना जाता है कि ऐसा करने से भगवान सूर्य प्रसन्न होते हैं और शुभ फल की प्राप्ति होती है।यह भी पढ़ें: Tulsi Pujan Diwas 2023: आज ही जान लें तुलसी के पौधे से जुड़ी वास्तु टिप्स, प्रसन्न होंगे भगवान कृष्ण
इसके अलावा पौष माह में भगवान सूर्य देव को अर्घ्य देने से साधक को धन, यश और विद्या की प्राप्ति होती है।
Author- Kaushik Sharmaडिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।