Paush Month 2023: इस दिन से शुरू हो रहा है पौष माह, जानें इस माह में किन कार्यों से मिलेगा लाभ
Paush Month 2023 Date पौष माह में मौसम में भी कई बदलाव देखने को मिलते हैं। इस साल पौष माह की शुरुआत 27 दिसंबर 2023 बुधवार के दिन से हो रही है। साथ ही इसका समापन 11 जनवरी 2023 गुरुवार के दिन होगा। ऐसे में आइए जानते हैं पौष माह का महत्व और इससे जुड़े कुछ खास नियमों के बारे में।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Paush Maas Niyam: धार्मिक दृष्टि से पौष का महीना विशेष स्थान रखता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार मार्गशीर्ष माह के बाद पौष मास की शुरुआत होती है। यह हिंदू कैलेंडर 10वां महीना है, जिसे पूष भी कहा जाता है। यह महीना सूर्य देव और भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित माना जाता है।
पौष माह का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पौष माह में सूर्य देव, भगवान विष्णु और पितरों की उपासना करने से व्यक्ति को धन, ऐश्वर्य और अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति हो सकती है। इसके साथ ही लंबी आयु का भी वरदान प्राप्त होता है। इस माह में पूर्वजों की आत्मा की शांति के किया पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध कर्म आदि करना भी उत्तम माना जाता है।
इस तरह दें सूर्य को अर्घ्य
पौष माह, सूर्य देव को समर्पित माना गया है। ऐसे में पौष माह में रोजाना तांबे के बर्तन में जल, लाल चंदन और लाल रंग के फूल डालकर सूर्य देव को अर्पित करें। अर्घ्य देते समय ऊँ सूर्याय नम: मंत्र का जाप भी करते रहें। ऐसा करने से साधक को कई तरह की बीमारियां दूर से मुक्ति मिलती है।जरूर करें ये काम
पौष माह के रविवार को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। ऐसे में इस महीने में रविवार का व्रत जरूर रखना चाहिए। इस व्रत में नमक का सेवन नहीं करना चाहिे। इस दिन तिल या फिर चावल की खिचड़ी बनाकर सूर्यनारायण को अर्पित करें। ऐसा करने से व्यक्ति को बेहतर स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। साथ ही इस माह में लौंग, गुड़, अदरक और अजवाइन का सेवन करना लाभकारी माना जाता है।
इन बातों का रखें ध्यान
पौष माह में मांस, मदिरा, मूली, बैंगन, उड़द दाल, मसूर दाल, फूल गोभी आदि का सेवन करने से बचना चाहिए। इस मास में किसी भी तरह के शुभ कार्य जैसे शादी, विवाह आदि भी नहीं करने चाहिए। इस दौरान मन में बुरे ख्याल लाने से, क्रोध और लालच आदि से भी दूर रहना चाहिए।डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'