Paush Purnima 2024: पौष पूर्णिमा के दिन इन चीजों का करें दान, धन का मिलेगा लाभ
साल 2024 की पहली पौष पूर्णिमा आज (25 जनवरी) मनाई जा रही है। इस खास अवसर पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की होती है और व्रत किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान और दान जप तप करने से घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली का आगमन होता है। साथ ही साधक की मनचाही मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
By Kaushik SharmaEdited By: Kaushik SharmaUpdated: Thu, 25 Jan 2024 09:43 AM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Paush Purnima 2024: हर माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। पौष महीने का समापन पौष पूर्णिमा के दिन होता है। साल 2024 की पहली पौष पूर्णिमा आज (25 जनवरी) मनाई जा रही है। इस खास अवसर पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की होती है और व्रत किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान और दान, जप तप करने से घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली का आगमन होता है। साथ ही साधक की मनचाही मनोकामनाएं पूरी होती हैं। शास्त्रों में इस बात का जिक्र किया गया है कि पौष पूर्णिमा के दिन कुछ विशेष चीजों का दान करने से व्यक्ति को भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और धन में बढ़ोतरी होती है। आइए आपको बताते हैं कि पूर्णिमा के दिन किन चीजों का दान करना फलदायी होता है।
इन चीजों का करें दान
- पौष पूर्णिमा के दिन गर्म कपड़ों, तिल और गुड़ का दान करना शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और धन का लाभ प्राप्त होता है।
- पौष पूर्णिमा के अवसर पर गौ दान करना अधिक फलदायी होता है।
- इस दिन गेहूं का दान करना उत्तम माना गया है।
- पौष पूर्णिमा के दिन पर पूजा-अर्चना करने के बाद कन्याओं को खीर खिलाएं।
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पौष पूर्णिमा शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, पौष पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 24 जनवरी को रात 09 बजकर 49 मिनट से हो गई है और इसके अगले दिन यानी 25 जनवरी को देर रात 11 बजकर 23 मिनट पर तिथि का समापन होगा। अतः आज (25 जनवरी) पौष पूर्णिमा मनाई जा रही है।पौष पूर्णिमा स्नान और दान का महत्व
सनातन धर्म में पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान-दान करने का अधिक महत्व है। इस अवसर पर सूर्यदेव और चंद्रदेव की पूजा-अर्चना करने का विधान है। मान्यता के अनुसार, पौष पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान, दान और धर्म-कर्म के कार्यों को करने से व्यक्ति को पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
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