Paush Shivratri 2024: साल 2024 की पहली मासिक शिवरात्रि कब है? जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि एवं महत्व
Paush Shivratri 2024 पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 09 जनवरी को देर रात 10 बजकर 24 मिनट पर शुरू होगी और 10 जनवरी को संध्याकाल 08 बजकर 10 मिनट पर समाप्त होगी। शिवरात्रि तिथि पर भगवान शिव एवं माता पार्वती की पूजा निशा काल में होती है। अतः 09 जनवरी को पौष महीने की मासिक शिवरात्रि मनाई जाएगी।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Tue, 19 Dec 2023 07:37 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Paush Shivratri 2024: हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। साल 2024 में पहली मासिक शिवरात्रि मंगलवार 09 जनवरी को है। धार्मिक मान्यता है कि मंगल मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। इस व्रत के पुण्य प्रताप से सुख और सौभाग्य में अपार वृद्धि होती है। अविवाहित जातकों की शीघ्र शादी के योग बनने लगते हैं। आइए, पौष माह में पड़ने वाली मासिक शिवरात्रि की तिथि, शुभ मुहूर्त एवं पूजा विधि जानते हैं-
यह भी पढ़ें: साल 2024 में कब-कब लगेंगे ग्रहण? यहां नोट करें तारीख और सूतक का समय
शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 09 जनवरी को देर रात 10 बजकर 24 मिनट पर शुरू होगी और 10 जनवरी को संध्याकाल 08 बजकर 10 मिनट पर समाप्त होगी। शिवरात्रि तिथि पर भगवान शिव एवं माता पार्वती की पूजा निशा काल में होती है। अतः 09 जनवरी को पौष महीने की मासिक शिवरात्रि मनाई जाएगी।
पूजा विधि
मासिक शिवरात्रि के दिन प्रातः काल में उठकर घर की साफ-सफाई करें। दैनिक कार्यों से निवृत्त होने के बाद गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें। इस समय आचमन कर व्रत संकल्प लें। श्वेत वस्त्र धारण कर सूर्य देव को जल अर्पित करें। इसके पश्चात, पंचोपचार कर विधि-विधान से भगवान शिव एवं माता पार्वती की पूजा करें। भगवान शिव का गंगाजल, कच्चे दूध, नारियल जल, गन्ने के रस से अभिषेक करें। इसके बाद भांग, धतूरा, बेलपत्र, शमी के पत्ते, मदार के पत्ते, फल, फूल, नेवैद्य अर्पित करें। इस समय शिव चालीसा का पाठ करें। पूजा के अंत में आरती कर भगवान शिव एवं माता पार्वती से सुख-समृद्धि की कामना करें। दिन भर उपवास रख संध्याकाल में आरती कर फलाहार करें।यह भी पढ़ें: साल 2024 में 61 दिन बजेगी शहनाई, नोट करें विवाह मुहूर्त, तिथि एवं नक्षत्र संयोगडिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।