Peepal Ke Upay: नाराज पितरों को करना चाहते हैं प्रसन्न, तो पीपल के पेड़ के नीचे जलाएं दीपक, मिलेंगे कई लाभ
प्राचीन समय से पीपल के पेड़ को पूजनीय माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में पीपल के पेड़ से संबंधित उपाय का वर्णन किया गया है। शास्त्र के अनुसार पीपल के कुछ उपाय करने से धन की कमी दूर होती है और जीवन में आने वाली सभी परेशानियों से मुक्ति मिलती है। कहा जाता है कि देवताओं के अलावा इस पेड़ में पितरों का भी वास होता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Peepal Ke Ped Ke Upay: सनातन धर्म में कई पेड़ पौधों की पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मत है कि पीपले के पेड़ की डाल में ब्रह्मा जी, तने में श्री हरि और सबसे ऊपरी हिस्से में भगवान शिव का वास होता है। जो इंसान इस पेड़ की सच्चे मन से पूजा करता है, उसे इन तीनों देवताओं की कृपा प्राप्त होती है। शास्त्रों के अनुसार, पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से जातक को जीवन में कई तरह के लाभ मिलते हैं। क्या आपको पता है कि किस कारण पीपल के पेड़ नीचे दीपक जलाया जाता है, अगर नहीं पता, तो आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
ये है वजह
पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि शनिवार के दिन इस पेड़ के पास दीपक जलाने से कुंडली में उत्पन्न शनिदोष से मुक्ति मिलती है और शनि की ढैया या साढ़े साती का असर कम होता है।
इस दिन जलाएं दीपकज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पीपल के पास दीपक जलाने के लिए गुरुवार और शनिवार का दिन बेहद शुभ माना जाता है। हालांकि कुछ मान्यताओं के अनुसार, रविवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे जाना वर्जित है।
करें ये उपायसुख-शांति में वृद्धि के लिए तांबे के लोटे में जल लेकर भगवान विष्णु का ध्यान करें। इसके बाद पीपल के वृक्ष को जल अर्पित करें। इसके बाद वृक्ष की पांच बार परिक्रमा करें। माना जाता है कि इस उपाय को करने से श्री हरि की कृपा प्राप्त होती है। इसके अलावा जल में दूध और काला तिल मिलाकर पीपल के पेड़ पर चढ़ाने से पितृ प्रसन्न होते हैं।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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