Peepal Puja: पीपल के समक्ष दीया जलाते समय इन नियमों का रखें ध्यान, यहां जानें सही तरीका
Peepal Puja मान्यता है कि जो भक्त पीपल के पेड़ की सच्ची श्रद्धा के साथ पूजा-अर्चना करते हैं और दीया जलाते हैं उनके जीवन के सभी कष्ट हमेशा के लिए दूर हो जाते हैं। हालांकि पीपल के सामने दीपक जलाने के कुछ नियम बनाए गए हैं जिनका पालन करने से संपूर्ण फल की प्राप्ति होती है। तो आइए जानते हैं -
धर्म डेस्क, नई दिल्ली।Peepal Puja: सनातन धर्म में कई सारे ऐसे पेड़ और पौधे हैं, जिन्हें साक्षात ईश्वर का स्वरूप माना गया है। इन पवित्र पेड़-पौधों में पीपल के वृक्ष का नाम भी शामिल है, ऐसा कहा जाता है कि जो साधक इस पेड़ की सच्ची श्रद्धा के साथ पूजा-अर्चना करते हैं और दीया जलाते हैं उनके जीवन के सभी कष्ट हमेशा के लिए दूर हो जाते हैं।
हालांकि पीपल के सामने दीपक जलाने के कुछ नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन करने से संपूर्ण फल की प्राप्ति होती है।
पीपल के वृक्ष पर दीया जलाने का सही नियम
इस समय जलाएं पीपल के सामने दीपक
ज्योतिष शास्त्र की माने तो, पीपल के पेड़ के सामने सुबह और शाम के समय दीपक जलाना बेहद शुभ माना गया है। ऐसी मान्यता है कि जो जातक इस विशेष समय दीपक जलाकर इसकी 7 बार परिक्रमा करते हैं उनके घर सदैव सुख-समृद्धि का वास बना रहता है। साथ ही भगवान शनि की कृपा रहती है।
इस समय न जलाएं दीपक
पीपल के वृक्ष के समक्ष रात को भूलकर भी दीपक नहीं जलाना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान दीया जलाने से अशुभ परिणाम मिलते हैं, इसलिए ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस समय दीपक जलाने से बचना चाहिए।
इस दिन जलाएं पीपल के समक्ष दीया
ज्योतिष शास्त्र की माने तो, गुरुवार और शनिवार का दिन पीपल के समक्ष दीपक जलाने के लिए बेहद शुभ है। हालांकि कुछ मान्यताओं के अनुसार, रविवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे जाने से बचना चाहिए।
किस तेल का करें उपयोग
पीपल के पेड़ के सामने जो साधक दीया जलाते हैं, उन्हें हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि सरसों का तेल दीपक के लिए उपयोग करें, क्योंकि यह इसके लिए सबसे उपयुक्त है।
यह भी पढ़ें: Swami Vivekananda Jayanti 2024: स्वामी विवेकानन्द के पढ़ें ये अनमोल वचन, जीवन की मुश्किलों को दूर करने में होगी आसानी
डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'