Phulera Dooj 2024: पाना चाहते हैं मनचाहा जीवनसाथी, तो फुलेरा दूज पर करें ये उपाय
पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह में शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि पर फुलेरा दूज का पर्व मनाया जाता है। इसी दिन से मथुरा में होली की शुरुआत होती है। मान्यताओं के अनुसार इस तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण ने फूलों की होली खेली थी जिस कारण इसे फुलेरा दूज कहा जाता है। तभी से मथुरा में फूलों की होली खेलने की परम्परा चली आ रही है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Phulera Dooj 2024 Upay: हिंदू धर्म में भगवान कृष्ण और राधा जी को प्रेम का प्रतीक माना जाता है। फुलेरा दूज का त्योहार मुख्य रूप से भगवान कृष्ण और राधा की पूजा के लिए ही समर्पित माना जाता है। इस विशेष दिन पर कृष्ण-राधा की पूजा करने से साधक को शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि प्रेम में सफलता पाने के लिए आप फुलेरा दूज पर क्या उपाय कर सकते हैं।
फुलेरा दूज का शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat)
फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 11 मार्च को सुबह 10 बजकर 44 मिनट पर शुरू हो रही है। साथ ही इस तिथि का समापन 12 मार्च 2024 को सुबह 07 बजकर 13 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, फुलेरा दूज 12 मार्च को मनाई जाएगी। इस दौरान राधा-कृष्ण की पूजा का मुहूर्त 12 मार्च को सुबह 09 बजकर 32 मिनट से दोपहर 02 बजे तक रहेगा।
लव लाइफ रहेगी ठीक
अगर आपकी लव लाइफ में कुछ परेशानियां आ रही है, तो फुलेरा दूज के दिन भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी को पीले रंग के फूल और वस्त्र अर्पित करें। भगवान श्री कृष्ण को माखन मिश्री अति प्रिय माना गया है, ऐसे में फुलेरा दूज पर कृष्ण जी को माखन मिश्री का भोग जरूर लगाना चाहिए। ऐसा करने से आपकी लव लाइफ में प्यार बना रहेगा।
यह भी पढ़ें - Varmala Significance: शादी में दूल्हा और दुल्हन एक दूसरे को क्यों पहनाते हैं वरमाला? जानें इसका धार्मिक महत्व
मिलेगा मनचाहा जीवनसाथी
फुलेरा दूज के दिन राधा-कृष्ण की विधि-विधान से पूजा करें। पूजा के बाद एक साफ कागज लेकर उसमें केसर से उस व्यक्ति का नाम लिखें जिसे आप जीवनसाथी बनाना चाहते हैं। इसके बाद इस कागज को राधा-रानी के चरणों में अर्पित कर दें। माना जाता है कि इस उपाय को करने से साधक को मनचाहा जीवनसाथी मिल सकता है।
WhatsApp पर हमसे जुड़ें. इस लिंक पर क्लिक करेंडिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'