Phulera Dooj 2024: फुलेरा दूज पर चढ़ाएं भगवान शिव और मां पार्वती को ये चीजें, जीवन की सभी मुश्किलें होंगी समाप्त
फुलेरा दूज (Phulera Dooj 2024) का पर्व इस साल 12 मार्च दिन मंगलवार को मनाया जाएगा। इस दिन पूरे ब्रज में धूमधाम के साथ फूलों वाली होली खेली जाती है। ऐसा माना जाता है कि यह त्योहार लोगों के जीवन में प्यार और उमंग लेकर आता है। इसके अलावा इस दिन भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा का भी विधान है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Phulera Dooj 2024: फुलेरा दूज के पर्व का हिन्दुओं के बीच बड़ा धार्मिक महत्व है। यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की पूजा के लिए समर्पित है। इस साल यह पर्व 12 मार्च, दिन मंगलवार को मनाया जाएगा। इस दिन पूरे ब्रज में धूमधाम के साथ फूलों वाली होली खेली जाती है। कहा जाता है कि यह त्योहार लोगों के जीवन में प्यार और उमंग लेकर आता है।
इसके अलावा फुलेरा दूज पर भगवान शंकर और देवी पार्वती की पूजा का भी विधान है। ऐसे में जो साधक भाव के साथ उनकी पूजा करते हैं और उन्हें कुछ विशेष चीजें अर्पित करते हैं, तो उन्हें शिव परिवार का आशीर्वाद प्राप्त होता है। तो आइए जानते हैं -
गाय का शुद्ध देसी घी चढ़ाएं
फुलेरा दूज के दिन भगवान शंकर और मां पार्वती की विधिपूर्वक पूजा करें। इसके बाद उन्हें गाय का शुद्ध देसी घी चढ़ाएं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस उपाय को करने से पारिवारिक क्लेश समाप्त होता है। साथ ही रिश्तों में मधुरता आती है।
मालपुआ का भोग लगाएं
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस पर्व पर शिव परिवार को मालपुआ का भोग लगाएं, क्योंकि यह शिव- पार्वती का प्रिय भोग है। ऐसे में जो भक्त फुलेरा दूज के दिन मालपुए का भोग लगाते हैं, तो उन्हें जीवन की सारी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। साथ ही जिंदगी में शुभता का आगमन होता है।केसर का भोग लगाएं
फुलेरा दूज के दिन भगवान शिव और देवी पार्वती को केसर का भोग अवश्य लगाएं। इससे घर की नकारात्मकता दूर होती है। साथ ही व्यक्ति के भीतर साहस का संचार होता है। ऐसे में जो लोग हमेशा के लिए अंदर का डर समाप्त करना चाहते हैं, तो उन्हें इस उपाय को जरूर करना चाहिए।
यह भी पढ़ें: Happy Married Life Remedies: टूटने के कगार पर है रिश्ते की डोर, तो जरूर करें ये उपायडिसक्लेमर: ''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।''