Pitra Dosh Upay: सता रही है पितृ दोष की समस्या? तो इन उपायों द्वारा पा सकते हैं निजात
हिंदू धर्म में पितरों को भी एक विशेष स्थान दिया गया है। पितरों को प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के उपाय किए जाते हैं ताकि उनका आशीर्वाद व्यक्ति पर बना रहे। माना जाता है कि यदि पितृ नाराज हो जाएं तो व्यक्ति को पितृ दोष (Pitra Dosh Upay) लग सकता है। ऐसे में चलिए जानते हैं पितृ दोष से बचने के उपाय।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में ऐसा माना जाता है कि जिस व्यक्ति पर पितरों का आशीर्वाद बना रहता है उसे जीवन में किसी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता। वहीं, अगर पितृ नाराज हो जाएं, तो व्यक्ति को पितृ दोष का सामना करना पड़ता है। जिस कारण जीवन में कई तरह की दिक्कतें पैदा हो जाती हैं। ऐसे में यदि आप भी पितृ दोष से परेशान हैं, तो ऐसे में ये उपाय आजमा सकते हैं।
इस तरह करें पीपल के पेड़ की पूजा
पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए पीपल के पेड़ में जल अर्पित करना चाहिए, क्योंकि इसमें पितरों का भी वास माना गया है। इसके साथ ही पूजन के दौरान पीपल के पेड़ की सात बार परिक्रमा करनी चाहिए। साथ ही वृक्ष के नीचे दीपक में सरसों का तेल और काले तिल मिलाकर छाया दान करें।
करें ये उपाय
पितृ दोष से छुटकारा पाने के लिए जल में काले तिल मिलाकर दक्षिण दिशा की ओर अर्घ्य देना चाहिए। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या और पितृ पक्ष में श्राद्ध, पिंडदान आदि कर्म करने से पितृ प्रसन्न होते हैं, जिससे पितृ दोष लगने का खतरा नहीं रहता।यह भी पढ़ें - Nirjala Ekadashi 2024: शिव और सिद्ध समेत इन 04 दुर्लभ योग में मनाई जाएगी निर्जला एकादशी, प्राप्त होगा अक्षय फल
शाम के समय करें ये काम
पितृ दोष से निजात पाने के लिए हर रोज शाम के समय आचमन कर स्वयं को शुद्ध करें। इसके बाद मिट्टी के दीए में तेल डालकर बाती जलाएं और छत पर दक्षिण दिशा में रख दें। इसके साथ ही पितरों से कुशल मंगल की कामना करें। आप चाहें तो गोबर से बने दीए का भी प्रयोग कर सकते हैं। इससे पितृ प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।