Pitra Paksha 2023 पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से पितृ पक्ष की शुरुआत हो जाती है और आश्विन मास की अमावस्या तिथि पर इसका समापन होता है। इस दौरान साधकों द्वारा तर्पण पिंडदान व श्राद्ध कर्म इत्यादि किया जाता है। मान्यता है कि पितृ पक्ष की अवधि में पितर धरती लोक पर आकर अपने परिवार के सदस्यों के साथ समय बिताते हैं।
By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraUpdated: Wed, 13 Sep 2023 07:00 AM (IST)
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क । Pitra Paksha 2023: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है। बता दें कि भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से पितृ पक्ष का शुभारंभ हो जाता है और आश्विन मास के अमावस्या तिथि पर श्राद्ध पक्ष का समापन हो जाता है। इस दौरान साधकों द्वारा पिंडदान, तर्पण व श्राद्ध कर्म इत्यादि कर्म किए जाते हैं। बता दें कि पितृ पक्ष में पूर्वजों की मृत्यु की तिथि के अनुसार पिंडदान और श्राद्ध कर्म किया जाता है।
पितृपक्ष 2023 की महत्वपूर्ण तिथियां
भरणी श्राद्ध- पंचांग के अनुसार, भरणी श्राद्ध कर्म 2 अक्टूबर को चतुर्थी श्रद्धा के साथ किया जाएगा। इस दिन श्राद्ध कर्म व तर्पण इत्यादि कर्म करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है।नवमी श्राद्ध- शास्त्रों में नवमी श्राद्ध को मातृ श्रद्ध के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन मातृ पितर यानी माता, दादी, नानी के लिए पिंडदान व श्राद्ध कर्म किया जाता है।
सर्व पितृ अमावस्या- शास्त्रों में यह विदित है कि जिन जातकों को अपने पूर्वजों की मृत्यु की तिथि याद नहीं है, उन्हें सर्व पितृ अमावस्या के श्राद्ध कर्म, पिंडदान व तर्पण इत्यादि कर्म जरूर करना चाहिए।
पितृ पक्ष 2023 कैलेंडर
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29 सितंबर 2023, शुक्रवार: पूर्णिमा श्राद्ध
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30 सितंबर 2023, शनिवार: द्वितीया श्राद्ध
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01 अक्टूबर 2023, रविवार: तृतीया श्राद्ध
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02 अक्टूबर 2023, सोमवार: चतुर्थी श्राद्ध
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03 अक्टूबर 2023, मंगलवार: पंचमी श्राद्ध
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04 अक्टूबर 2023, बुधवार: षष्ठी श्राद्ध
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05 अक्टूबर 2023, गुरुवार: सप्तमी श्राद्ध
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06 अक्टूबर 2023, शुक्रवार: अष्टमी श्राद्ध
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07 अक्टूबर 2023, शनिवार: नवमी श्राद्ध
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08 अक्टूबर 2023, रविवार: दशमी श्राद्ध
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09 अक्टूबर 2023, सोमवार: एकादशी श्राद्ध
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11 अक्टूबर 2023, बुधवार: द्वादशी श्राद्ध
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12 अक्टूबर 2023, गुरुवार: त्रयोदशी श्राद्ध
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13 अक्टूबर 2023, शुक्रवार: चतुर्दशी श्राद्ध
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14 अक्टूबर 2023, शनिवार: सर्व पितृ अमावस्या
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