Pitru Paksha 2024: नहीं पता है पितरों की मृत्यु तिथि? तो इस दिन करें श्राद्ध
सनातन धर्म में पितृ पक्ष का खास महत्व है। यह (Pitru Paksha Auspicious Date) पूर्ण रूप से पितरों को समर्पित होती है। इस दौरान पितृ तर्पण और पिंड दान करना बहुत फलदायी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इससे पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। साथ ही पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है तो चलिए इस दिन से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पितृ पक्ष का समय बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। यह अनुष्ठान पूर्वजों को विशेष रूप से श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए मनाया जाता हैं। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2024) 17 सितंबर से शुरू हो रहे हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस अवधि के दौरान लोग पितृ तर्पण और पिंडदान समेत अन्य पूजन अनुष्ठान करते हैं, जिनके करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
इसके साथ ही पितरों की आत्मा को शांति प्राप्त होगी। वहीं, जिन लोगों को अपने पितरों की तिथि नहीं पता है, उन्हें किस दिन पितरों का श्राद्ध करना चाहिए? आइए उसके बारे में जानते हैं।
तिथि नहीं पता होने पर इस दौरान करें श्राद्ध (Pitru Paksha Shraddha auspicious Date)
भरणी श्राद्ध
भरणी श्राद्ध पंचमी तिथि के दिन जिन लोगों का विवाह नहीं हुआ होता है, उनका श्राद्ध किया जाता है। पंचांग को देखते हुए भरणी श्राद्ध का समय 21 सितंबर को सुबह 04 बजकर 09 मिनट में शुरू होगा। वहीं, इसका समापन अगले दिन 22 सितंबर दोपहर 02 बजकर 43 मिनट पर हो रहा है।
यह भी पढ़ें: Ganesh Chaturthi 2024: व्यवसाय में होगी उन्नति, धन के प्राप्त होंगे अनेक स्रोत, करें ये उपाय
नवमी श्राद्ध
श्राद्ध की महत्वपूर्ण तिथियों में से एक मातृ नवमी को माना जाता है। इस दौरान जिन लोगों की मां, दादी, नानी आदि नहीं है, उन पितरों का श्राद्ध किया जाता है। इस साल नवमी तिथि 25 सितंबर, 2024 को पड़ रही है। ऐसा कहा जाता है कि नवमी तिथि में मातृ पक्ष का श्राद्ध होता है।