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Pitru Paksha 2023: जानें, पितृ पक्ष में क्या करें और किन चीजों से करें परहेज

Pitru Paksha 2023 धार्मिक मत है कि पितरों की पूजा करने से व्यक्ति के सकल मनोरथ सिद्ध होते हैं। साथ ही आय और सौभाग्य में भी वृद्धि होती है। वहीं पितृ के अप्रसन्न रहने पर जातक को जीवन में ढेर सारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। आर्थिक स्थिति पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। अतः पितरों की पूजा-उपासना अनिवार्य है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Wed, 27 Sep 2023 05:44 PM (IST)
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Pitru Paksha 2023: जानें, पितृ पक्ष में क्या करें और किन चीजों से करें परहेज

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क । Pitru Paksha 2023: सनातन धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है। इस दौरान पितरों की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही पितरों को अन्न-जल देने तक उपवास रखा जाता है। धार्मिक मत है कि पितरों की पूजा करने से व्यक्ति के सकल मनोरथ सिद्ध होते हैं। साथ ही आय और सौभाग्य में भी वृद्धि होती है। वहीं, पितृ के अप्रसन्न रहने पर जातक को जीवन में ढेर सारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। आर्थिक स्थिति पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। अतः पितरों की पूजा-उपासना अनिवार्य है। गरुड़ पुराण में पितृ पक्ष के दौरान कई चीजें न करने की सलाह दी गई है। अनदेखी करने से पितृ अप्रसन्न हो जाते हैं। इससे व्यक्ति के जीवन और परिवार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। आइए जानते हैं कि पितृ पक्ष में क्या करें और क्या न करें-

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क्या न करें

  • ज्योतिषियों की मानें तो पितृपक्ष के दौरान मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से पितृ अप्रसन्न होते हैं। उनकी कुदृष्टि व्यक्ति पर पड़ती है। अतः पितृ पक्ष के दौरान मास मदिरा से दूर रहें।
  • पितृ पक्ष के दौरान कई चीजें खाने की मनाही है। इनमें साग प्रमुख है। अतः पितृ पक्ष के दौरान साग का सेवन बिल्कुल न करें। आप अपने कुल पंडित से भी इस संदर्भ में जानकारी ले सकते हैं। अलग-अलग जगहों पर भिन्न-भिन्न नियम होते हैं। अतः स्थानीय नियमों का पालन अनिवार्य है।
  • पितृ पक्ष के दौरान किसी भी जीव जंतु और पक्षी को न सताएं। ऐसा करने से पितृ नाराज हो जाते हैं।
  • पितृ दोष लगने पर परिवार में कलह की स्थिति बनी रहती है। परिवार में बड़े-बुजुर्ग का अपमान करने से भी पितृ अप्रसन्न होते हैं। अतः घर के बड़े वृद्ध के मान-सम्मान को ठेस न पहुचाएं।
  • पितृ पक्ष में शुभ कार्य करने की मनाही होती है। अतः पितृ पक्ष के दौरान कोई भी शुभ काम न करें।
  • गरुड़ पुराण में पितृ पक्ष के दौरान नवीन वस्त्र धारण करना भी वर्जित है। अतः ऐसे कार्य करने से परहेज करें।

क्या करें

  • पितृ पक्ष के दौरान रोजाना पितरों को जल का अर्घ्य दें। साथ ही पितरों को भोजन दें। इस समय सुख-समृद्धि की कामना पितरों से करें।
  • पितृ पक्ष के दौरान रोजाना शाम में दक्षिण दिशा में मुख कर सरसों के तेल का दीपक जलाएं। आसान शब्दों में कहें तो पितरों की रोजाना संध्या आरती करें।
  • पितृ पक्ष के दौरान सत्य कार्य करें। साथ ही ब्रह्मचर्य नियमों का पालन करें।
  • गरीबों एवं ब्राह्मणों को दान में अन्न, जल और धन दें। आप आर्थिक स्थिति के अनुरूप दान कर सकते हैं।
  • पितृ पक्ष के समय में परोपकार और समाज सेवा करें। साथ ही पशु-पक्षी की सेवा करें। जानवरों को भोजन खिलाएं और पक्षियों को दाना दें।

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।