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Pitru Paksha 2023: पितृ के प्रसन्न होने पर मिलते हैं ये 3 शुभ संकेत, समझें बदलने वाली है किस्मत

Pitru Paksha 2023 पितृ पक्ष के दौरान पितरों की पूजा करने से व्यक्ति को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही व्यक्ति के आय और सौभाग्य में भी वृद्धि होती है। धार्मिक मान्यता है कि पितृ के प्रसन्न रहने से व्यक्ति को जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही आने वाली मुसीबत भी टल जाती है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Tue, 03 Oct 2023 01:27 PM (IST)
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Pitru Paksha 2023: पितृ के प्रसन्न होने पर मिलते हैं ये 3 शुभ संकेत, समझें बदलने वाली है किस्मत
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Pitru Paksha 2023: सनातन धर्म में पितृपक्ष के दौरान पितरों की पूजा की जाती है। इस दौरान पितरों का तर्पण किया जाता है। साथ ही पितरों को मोक्ष दिलाने हेतु पिंडदान और श्राद्ध कर्म करने का भी विधान है। इस वर्ष 29 सितंबर से लेकर 14 अक्टूबर तक पितृ पक्ष है। गरुड़ पुराण में निहित है कि पितृ पक्ष के दौरान पितरों की पूजा करने से व्यक्ति को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही व्यक्ति के आय और सौभाग्य में भी वृद्धि होती है। धार्मिक मान्यता है कि पितृ के प्रसन्न रहने से व्यक्ति को जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही आने वाली मुसीबत भी टल जाती है। ज्योतिषियों की मानें तो पितृ के प्रसन्न रहने पर 3 संकेत मिलते हैं। आइए, इन संकेतों के बारे में जानते हैं-

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कब मनाया जाता है पितृ पक्ष ?

हर वर्ष आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से लेकर अमावस्या तिथि तक पितृ पक्ष मनाया जाता है। इस दौरान गया जी में पितरों का पिंडदान किया जाता है। त्रेता युग में भगवान श्रीराम ने गया जी में फल्गु नदी के तट पर अपने पिता दशरथ जी का पिंडदान किया था। कालांतर से गया जी में पितरों का पिंडदान किया जाता है।

पितृ के प्रसन्न रहने पर मिलते हैं ये संकेत

  1. गरुड़ पुराण के अनुसार, जब पितृ प्रसन्न होते हैं, तो उनकी शुभ कृपा उत्तराधिकारी पर पड़ती है। पितृ के आशीर्वाद से व्यक्ति के आय और सौभाग्य में वृद्धि होती है। करियर और कारोबार में भी मन मुताबिक सफलता मिलती है। व्यक्ति को धन की कमी नहीं रहती है। साथ ही आय के नए स्रोत बनते हैं।
  2. ज्योतिषियों की मानें तो पितृ दोष लगने पर परिवार में कलह की स्थिति पैदा हो जाती है। वहीं, पितृ के प्रसन्न रहने पर परिवार के सदस्यों के मध्य स्नेह और प्यार बना रहता है। सभी एक दूसरे को सहयोग करते हैं। कुल मिलाकर कहें तो परिवार में उत्सव जैसा माहौल रहता है।
  3. ज्योतिषियों की गणना है कि पितृ के प्रसन्न रहने पर कौवे भोजन करने घर आते हैं। आसान शब्दों में कहें तो अगर घर के छत पर कौवा आकर बैठता है और दिया गया भोजन प्राप्त करता है, तो ये संकेत है कि पितृ आपसे प्रसन्न हैं। उनकी कृपा आप पर बरस रही है।
डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।