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Pitru Paksha 2024: पितृ पक्ष के दौरान गलती से भी न करें इन चीजों का दान, टूट पड़ेगा दुखों का पहाड़!

पितृ पक्ष का सनातन धर्म में बहुत महत्व है। यह अवधि 16 दिनों तक चलती है और लोग इस दौरान अपने पूर्वजों की उपासना करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इन दिनों (Pitru Paksha 2024) पितृ तर्पण और पिंड दान करना बहुत पुण्यदायी माना जाता है। ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। साथ ही जीवन कल्याण की ओर अग्रसर होता है।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Thu, 05 Sep 2024 10:55 AM (IST)
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Pitru Paksha 2024: पितृ पक्ष के दौरान न करें इन चीजों का दान।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पितृ पक्ष का समय बेहद ही महत्वपूर्ण होता है। यह समय पूर्ण रूप से पितरों को समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दौरान लोग अपने पूर्वजों का तर्पण और उनके नाम से गीता के पाठ का आयोजन करते हैं। इस अवधि (Pitru Paksha 2024) को श्राद्ध पक्ष के नाम से भी जाना जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार पितृ पक्ष 17 सितंबर, 2024 से शुरू हो रहे हैं, तो चलिए इस दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं।

पितृ पक्ष के दौरान न करें ये दान

पितृ पक्ष के दौरान सरसों के तेल का दान, वस्त्रों का दान, तामसिक भोजन का दान, लोहे की चीजों का दान, नुकीली आदि चीजों का दान नहीं करना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि इन चीजों के दान से पूर्वज नाराज होते हैं। साथ ही जीवन में नकारात्मकता आती है, जबकि हिंदू धर्म में दान-पुण्य का विशेष महत्व है, लेकिन इस दौरान इन चीजों का दान भूलकर भी नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे जीवन में अशुभता आती है और व्यक्ति के कार्यों में बाधा आती है।

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पितृ पक्ष के दौरान न करें ये गलतियां

  • श्राद्ध पक्ष के दौरान कपड़े और जूते नहीं खरीदने चाहिए।
  • जिन लोगों की कुंडली में पितृ दोष है, उन्हें इस दौरान गया जी, उज्जैन और अन्य स्थानों पर पिंडदान करना चाहिए।
  • पितृ तर्पण के लिए जानकार पुरोहित को बुलाना चाहिए।
  • इस दौरान गाय, कौवे, कुत्ते और चींटियों को खाना खिलाना बहुत अच्छा माना जाता है।
  • यह अवधि शुभ कार्यों जैसे- विवाह, सगाई आदि समारोह के लिए अशुभ मानी जाती है।
  • इस दौरान तामसिक गतिविधियों में शामिल नहीं होना चाहिए।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।