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Pitru Paksha 2024: पितृ पक्ष में भूलकर न करें ये गलतियां, वरना भुगतने होंगे गंभीर परिणाम

ज्योतिषियों की मानें तो पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2024) के पहले दिन दुर्लभ शिववास योग का निर्माण हो रहा है। इस शुभ अवसर पर भगवान शिव की पूजा-उपासना करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी। शिववास योग में पितरों का तर्पण करने से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होगी। पितृ पक्ष की शुरुआत 18 सितंबर से हो रही है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Tue, 17 Sep 2024 02:29 PM (IST)
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Pitru Paksha 2024: पितरों को कैसे प्रसन्न करें?

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर वर्ष भाद्रपद पूर्णिमा तिथि से लेकर अमावस्या तिथि तक पितृ पक्ष पड़ता है। इस दौरान पितरों का तर्पण एवं पिंडदान किया जाता है। पितृ पक्ष का समापन सर्वपितृ अमावस्या को होता है। इस वर्ष 18 सितंबर से पितृपक्ष की शुरुआत हो रही है। पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2024) में रोजाना पितरों का तर्पण एवं पिंडदान किया जाता है।

गरुड़ पुराण में निहित है कि पितृपक्ष के दौरान पितरों का तर्पण और पिंडदान करने से तीन पीढ़ी के पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। पितृ पक्ष के दौरान मांगलिक समेत कई कार्यों को करने की मनाही होती है। अनदेखी करने से पितृ अप्रसन्न (नाराज) हो जाते हैं। इससे व्यक्ति विशेष के जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ता है। व्यक्ति को जीवन में ढेर सारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। अत: पितृ पक्ष के दौरान भूलकर भी ये गलतियां न करें। आइए जानते हैं कि पितृ पक्ष में क्या करें और क्या न करें-

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पितृपक्ष में क्या न करें

  • गरुड़ पुराण में वर्णित है कि पितृपक्ष के दौरान तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। साथ ही मदिरा (शराब) का भी सेवन न करें। आसान शब्दों में कहें तो पितृ पक्ष के दौरान मांस-मदिरा का सेवन भूलकर न करें। अनदेखी करने से पितरों की कुदृष्टि व्यक्ति पर पड़ती है।
  • पितृ पक्ष के दौरान साग, सत्तू, चने की दाल, चना, बेसन आदि चीजों का सेवन न करें। साग और सत्तू का सेवन भूलकर न करें। इसके अलावा, मसूर की दाल, कुलथी की दाल, गाजर, मूली आदि चीजों से भी परहेज करें।  
  • घर के बड़े-वृद्ध का अपमान न करें। परिवार में किसी का दिल न दुखाएं और न ही उनके मान-सम्मान को ठेस पहुचाएं। इसके साथ ही पशु-पक्षी और जीव-जंतु को भी न सताएं।
  • पितृ पक्ष के दौरान खरीदारी न करें और न ही नए रंग के वस्त्र धारण करें। इस पक्ष के दौरान भूलकर शुभ कार्य की शुरुआत न करें। ऐसा करने से व्यक्ति को पितृ दोष लगता है।

पितृपक्ष में क्या करें

  • पितृ पक्ष के दौरान रोजाना स्नान-ध्यान के बाद दक्षिण दिशा में मुख कर पितरों को जल का अर्घ्य दें। इसके बाद पितरों को भोजन दें।
  • पितृ पक्ष के दौरान पितृ चालीसा का पाठ और पितृ मंत्रों का जप करें।
  • पितृ पक्ष के दौरान रोजाना संध्याकाल में छत पर दक्षिण दिशा में मुख कर सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
  • पितृ पक्ष के दौरान ब्रह्मचर्य नियमों का पालन करें। साथ ही जरूरतमंदों की सेवा करें।
  • पितृ पक्ष के दौरान रोजाना अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार अन्न, जल और धन का दान करें।
  • पितृ पक्ष में रोजाना पशु-पक्षी को चारा दें। आप अपने छत पर भी पक्षियों को दाना दें।  

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।