Pitru Paksha 2024: पितृ पक्ष के दौरान इन बातों का रखें विशेष ध्यान, पूर्वजों का मिलेगा आशीर्वाद
पितृ पक्ष का हिंदुओं के बीच बहुत महत्व है। यह 16 दिनों तक मनाया जाता है और लोग इस दौरान अपने पूर्वजों की पूजा करते हैं। इन दिनों (Pitru Paksha 2024) पितृ पूजा पितृ तर्पण और पिंड दान करना बहुत पुण्यदायी माना जाता है। ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। साथ ही जीवन में खुशहाली आती है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पितृ पक्ष का हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व है। यह समय पितरों को समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दौरान लोग अपने पूर्वजों की पूजा और उनका तर्पण करते हैं। इस अवधि (Pitru Paksha 2024) को श्राद्ध पक्ष के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार पितृ पक्ष 17 सितंबर, 2024 से शुरू हो रहे हैं, तो आइए इस दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं।
इन बातों का रखें विशेष ध्यान (Pitru Paksha 2024)
- इस दौरान ब्राह्मणों को भोजन और वस्त्र दान करना चाहिए।
- इन दिनों कपड़े और जूते खरीदना वर्जित है।
- जिन लोगों की कुंडली में पितृ दोष है, उन्हें इस दौरान गया जी, उज्जैन और अन्य स्थानों पर पिंडदान करना चाहिए।
- पितृ तर्पण के लिए जानकार पुरोहित को बुलाना चाहिए।
- इस समय गाय, कौवे, कुत्ते और चींटियों को खाना खिलाना बहुत शुभ माना जाता है।
- यह अवधि विवाह, सगाई और रोका समारोह के लिए अशुभ मानी जाती है।
- इस दौरान तामसिक गतिविधियों में शामिल नहीं होना चाहिए।
- इन दिनों प्याज, लहसुन, अंडा और मांस खाने से बचना चाहिए।
- यह समय धार्मिक कार्यों के लिए विशेष माना जाता है।
- इस दौरान सोना, चांदी खरीदना अशुभ माना जाता है।
- इन दिनों ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
- इस दौरान बाल कटवाने, नाखून काटने और शेविंग करने से भी बचना चाहिए।
- किसी के साथ गलत व्यवहार न करें।
- बड़ों का सम्मान करें।
पितर देव मंत्र
1. ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥
2. ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय च धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात।3. ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी धीमहि तन्नो पितृो प्रचोदयात्।
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