Pitru Paksha 2024: ब्राह्मणों की गैरमौजूदगी में ऐसे करें पितरों का तर्पण, पूर्वज होंगे प्रसन्न
गरुड़ पुराण में पितृ पक्ष के महत्व के बारे में विस्तार से बताया गया है। इस पुराण के अनुसार पितृ पक्ष के दौरान पूर्वज धरती पर आते हैं। ऐसे में लोगों को अपने-अपने पूर्वजों की पूजा-अर्चना जरूर करनी चाहिए जिससे उन्हें पूर्वजों की कृपा प्राप्त होती है। इसके अलावा पितृ पक्ष में पिंडदान और तर्पण (Pitru Paksha Tarpan Vidhi) किया जाता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2024) की अवधि के दौरान शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। हर साल पितृ पक्ष की शुरुआत आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है। वहीं, इसका समापन अमावस्या पर होता है। इस दौरान पितरों की पूजा और तर्पण किया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और जातक की सुख, समृद्धि और वंश में वृद्धि होती है। अगर आप भी अपने पितरों का तर्पण (Pitru Paksha Importance) करना चाहते हैं और ऐसे में आपके पास यह कार्य करवाने के लिए कोई ब्राह्मण नहीं है, तो परेशान न हों। इस लेख में हम आपके लेकर आएं हैं तर्पण की बेहद सरल विधि, जिसके जरिए आप पितरों का तर्पण सरलता से कर सकते हैं।
कब से शुरू है पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2024 Date)
इस वर्ष पितृ पक्ष की शुरुआत 17 सितंबर (Kab Se Hai Pitru Paksha 2024) से होगा। वहीं, इसका समापन 02 अक्टूबर को होगा।यह भी पढ़ें: Pitru Paksha 2024: पितृ पक्ष में इन चीजों के दान से प्रसन्न होंगे पूर्वज, सभी समस्याएं जल्द होंगी दूर
प्रतिपदा तिथि पर इस मुहूर्त करें पितृ तर्पण
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 34 मिनट से 05 बजकर 21 मिनट तकविजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 17 मिनट से 03 बजकर 06 मिनट तकगोधूलि मुहूर्त - दोपहर 06 बजकर 22 मिनट से 06 बजकर 46 मिनट तक
पितृ तर्पण विधि (Pitru Paksha 2024 Tarpan Vidhi)
- पितृ पक्ष में सुबह जल्दी उठें और स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें।
- अब एक लोटे में जल, फूल, कुश, अक्षत और तिल डाल लें और पितरों को जल अर्पित करें।
- इसके बाद पितृ मंत्र का जप करें और पितृ चालीसा का पाठ करें।
- तर्पण के दौरान पूर्व दिशा की ओर मुख होना चाहिए।
- पितरों की शांति के लिए प्रार्थना करें।
- अब उत्तर दिशा की तरफ मुख करके जौ और कुश से तर्पण करें।
- इसके बाद पूजा में हुई गलती के लिए पूर्वजों से क्षमायाचना मांगे।
- इस दिन श्रद्धा अनुसार दान करना उत्तम माना जाता है।
इन मंत्रो का करें जप
1. ॐ पितृ देवतायै नम:2. ॐ पितृ गणाय विद्महे जगतधारिणे धीमहि तन्नो पित्रो प्रचोदयात्।3. ॐ देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव चनम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम:4. गोत्रे अस्मतपिता (पितरों का नाम) शर्मा वसुरूपत् तृप्यतमिदं तिलोदकमगंगा जलं वा तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः।5. ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी धीमहि तन्नो पितृो प्रचोदयात्। ॐ देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च। नम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम:।ॐ आद्य-भूताय विद्महे सर्व-सेव्याय धीमहि। शिव-शक्ति-स्वरूपेण पितृ-देव प्रचोदयात्।यह भी पढ़ें: Pitru Paksha 2024: पितृ पक्ष में इन चीजों के दान से प्रसन्न होंगे पूर्वज, सभी समस्याएं जल्द होंगी दूर अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।