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Pitru Paksha 2024: पितृ पक्ष में न करें तुलसी से संबंधित ये गलतियां, नाराज हो सकते हैं पितृ देव

पितृ पक्ष की अवधि को पितरों को कृपा प्राप्ति के लिए उत्तम माना जाता है। पंचांग के अनुसार इस बार पितृ पक्ष की शुरुआत 17 सितंबर (Pitru Paksha 2024 Date) से हुई है। वहीं इसका समापन अगले महीने यानी 02 अक्टूबर को होगा। इस दौरान पितरों का श्राद्ध पिंडदान और तर्पण आदि कार्य किए जाते हैं। ऐसे में तुलसी के नियमों का पालन जरूर करना चाहिए।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Wed, 18 Sep 2024 11:58 AM (IST)
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Pitru Paksha 2024: पितृ पक्ष में इन कार्यों से बनाएं दूरी

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2024) के दौरान पितरों का तर्पण और श्राद्ध जरूर करना चाहिए। इस अवधि में रोजाना स्नान आदि करने के बाद सूर्य देव और पितरों को जल अर्पित करना चाहिए। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और जातक को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही तुलसी के नियमों (Tulsi Puja Ke Niyam) का पालन जरूर करना चाहिए। मान्यता के अनुसार, इन नियमों का पालन न करने से पितृ नाराज हो सकते हैं और जीवन में आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है। आइए जानते हैं तुलसी नियमों के बारे में।

इन बातों का रखें ध्यान

  • पितृ पक्ष में तुलसी के पौधे को छूने की मनाही है। पूजा करते समय ध्यान रखें कि दूर से हाथ जोड़कर तुलसी माता का ध्यान करें और जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए कामना करें। मान्यता है कि तुलसी को स्पर्श करने से मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं।

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  • इसके अलावा तुलसी की पत्तियों को भूलकर भी नहीं तोड़ना चाहिए, क्योंकि पितृ पक्ष में तुलसी की पत्तियों को तोड़ना वर्जित है। माना जाता है कि इस कार्य को करने से पितृ नाराज हो सकते हैं और आर्थिक तंगी की समस्या आ सकती है।
  • सनातन धर्म में तुलसी के पौधे का विशेष महत्व है। मान्यता है कि पितृ पक्ष में तुलसी की विशेष पूजा-अर्चना करने से धन की देवी मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। साथ ही धन लाभ के योग बनते हैं, लेकिन एक बात का विशेष ध्यान रखें कि पूर्वजों का श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करने वाले जातक को तुलसी की पूजा-अर्चना नहीं करनी चाहिए।

भूलकर भी न करें ये कार्य

  • पितृ पक्ष पूर्वजों को समर्पित है। इसलिए इस दौरान किसी भी तरह के शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। जैसे- विवाह, गृह प्रवेश, सगाई और मुंडन आदि। इन कार्यों को करने से पितृ देव अप्रसन्न हो सकते हैं, जिसकी वजह से जातक को जीवन में दुख और दर्द का सामना करना पड़ सकता है।
  • अगर आप नई नौकरी या फिर किसी बिजनेस की शुरुआत करना चाहते हैं, तो इन कार्यों को पितृ पक्ष में भूलकर भी न करें। ऐसा करने से जातक को कार्यों में सफलता प्राप्त नहीं होती है।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।